मोदी सरकार में जातिगत भेदभाव को लेकर क्या सोचते हैं लोग, सर्वे में हुआ खुलासा

सीवोटर सर्वे में खुलासा हुआ है कि करीब 46.8 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नौ साल पहले सत्ता में आने के बाद से भाजपा की अगुआई वाली सरकार के तहत जातिगत भेदभाव बढ़ गया है, जबकि लगभग 30 प्रतिशत लोगों ने अलग राय दी है. भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर सीवोटर की ओर से देशभर में किए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 27, 2023, 07:06 AM IST
  • साल 2014 में नरेंद्र मोदी बने थे पीएम
  • अलग-अलग समुदाय ने दी प्रतिक्रिया
मोदी सरकार में जातिगत भेदभाव को लेकर क्या सोचते हैं लोग, सर्वे में हुआ खुलासा

नई दिल्ली: सीवोटर सर्वे में खुलासा हुआ है कि करीब 46.8 प्रतिशत लोगों का मानना है कि नौ साल पहले सत्ता में आने के बाद से भाजपा की अगुआई वाली सरकार के तहत जातिगत भेदभाव बढ़ गया है, जबकि लगभग 30 प्रतिशत लोगों ने अलग राय दी है. भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर सीवोटर की ओर से देशभर में किए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है. 

साल 2014 में नरेंद्र मोदी बने थे पीएम
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 282 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. सर्वे के मुताबिक, 46.8 फीसदी लोगों का मानना है कि पिछले नौ सालों में बीजेपी के शासन में जातिगत भेदभाव बढ़ा है, जबकि 29.4 फीसदी लोगों की विपरीत राय है.

सर्वे में यह भी बताया गया है कि 18.8 प्रतिशत लोगों को लगता है कि जातिगत भेदभाव एक हद तक बढ़ गया है, जबकि 5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं कर सकते.

अलग-अलग समुदाय ने दी प्रतिक्रिया
सर्वे में कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय में 75.6 प्रतिशत, ईसाई समुदाय में 68.5 प्रतिशत, अनुसूचित जाति/दलित वर्ग में 53.5 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति वर्ग में 48.1 प्रतिशत भी महसूस करते हैं कि पिछले नौ वर्षों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है.

जानें क्या है युवाओं की सोच
सर्वेक्षण के अनुसार, 18 से 24 आयु वर्ग और 25 और 34 वर्ष के बीच के 52 प्रतिशत से अधिक युवाओं का मानना है कि पिछले नौ वर्षों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है, जबकि 18 से 24 आयु वर्ग के 21.6 प्रतिशत युवा और 25 से 34 आयु वर्ग के 24.5 प्रतिशत युवाओं की अलग राय है.

साथ ही, 45 से 54 वर्ष की आयु के 44.6 प्रतिशत लोगों को लगता है कि पिछले नौ वर्षों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है. सर्वे में यह भी कहा गया है कि मध्यम आय वर्ग में 48.9 प्रतिशत और निम्न आय वर्ग में 46.6 प्रतिशत लोगों का मानना है कि पिछले नौ वर्षों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है.

ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में क्या है सोच 
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 48.2 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 43.5 प्रतिशत लोगों का मानना है कि पिछले नौ वर्षों में जातिगत भेदभाव बढ़ गया है. साथ ही लगभग 28 प्रतिशत एनडीए समर्थकों का मानना है कि भाजपा शासन के तहत जातिगत भेदभाव में वृद्धि हुई है, जबकि 43.2 प्रतिशत लोगों की अलग राय है.

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