नई दिल्ली: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली. बीजेपी अपनी हार की वजहों को तलाशने में जुट गई है और उसमें सुधार को लेकर मंथन कर रही है. हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार का आत्मनिरीक्षण करने के लिए भाजपा गुरुवार को एक के बाद एक कई बैठकें कर रही है. सूत्रों के अनुसार, बैठक में विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद के लिए उम्मीदवारों के चयन पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा.
कांग्रेस सरकार को घेरने की रणनीति
विधायकों की बैठक में आगामी बजट सत्र में कांग्रेस सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जा रही है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 7 जुलाई को बजट पेश करने वाले हैं. गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन से उत्साहित कांग्रेस को काउंटर करने के लिए भगवा पार्टी अपनी रणनीति पर विचार कर रही है.
पार्टी हारे हुए प्रत्याशियों की भी बैठक आयोजित करेगी. कई मौजूदा मंत्री चुनाव हार गए. इस लिहाज से बैठक महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि हार का सामना करने वाले वरिष्ठ नेताओं के खुलकर बात करने की संभावना है कि वे कहां गलत हुए और कैसे चुनाव में पार्टी की रणनीति विफल रही.
बैठक से प्राप्त जानकारी पर होगी चर्चा
शाम को कोर कमेटी की बैठक होगी, जिसमें सुबह हुई बैठक से प्राप्त जानकारी पर चर्चा की जाएगी. कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, पूर्व मुख्यमंत्री एम.एस. बसवराज बोम्मई, बी.एस. येदियुरप्पा, राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि बैठक में हिस्सा लेंगे.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि आलाकमान लिंगायत या वोक्कालिगा नेता को राज्य अध्यक्ष या विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर नियुक्त करने पर विचार कर रहा है. सूत्रों ने कहा कि पिछड़े वर्ग के एक नेता विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यभार संभालेंगे.
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