नई दिल्ली: उत्तर पूर्व का राज्य मणिपुर अब ड्राई स्टेट नहीं रहा है. सोमवार को हुई अहम बैठक में मणिपुर सरकार ने शराब से प्रतिबंध हटाने का फैसला लिया गया है. बता दें कि गुरुवार को एक गजट जारी हुआ. इसमें राज्य में 30 साल से लगे प्रतिबंध को हटाया गया है. मणिपुर की एन बीरेन सरकार ने राज्य की शराब पॉलिसी में बदलाव करते हुए ये फैसला लिया है. इस फैसले का मुख्य उद्देश्य राज्य का राजस्व बढ़ाने और नकली शराब की सप्लाई पर रोक लगाने का है. इस फैसले से अब मणिपुर में खुलेआम शराब की सप्लाई होगी. मणिपुर में साल 1991 से शराबबंदी लागू है.
मणिपुर में अब नहीं रही शराबबंदी...
मणिपुर में शराबबंदी के फैसला वापस ले लिया गया है. राज्य का राजस्व बढ़ाने और नकली शराब की सप्लाई पर रोकने के लिए इस फैसले को लिया गया है. शराब से प्रतिबंध हटाने के फैलसे से आर्थिक फायदा होना देखा जा रहा है. इस कदम से 600-700 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है. यह फैसला तब लिया गया है, जब मणिपुर जातीय संघर्ष की आग से सुलग रहा है. वहीं मणिपुर में नशीली दवाओं और शराब के दुरुपयोग के खिलाफ एक ठोस अभियान चलाया गया है.
इसलिए लिया गया फैसला...
ऐसा माना जा रहा था साल 1991 लागू शराबबंदी से राजस्व क काफी नुकसान हो रहा था. इसके कारण मणिपुर में नकली शराब के सप्लाई काफी बढ़ गई थी और शराब माफिया पनप रहे थे. बता दें कि शराबबंदी हटने के बाद मणिपुर में शराब के उत्पादन, निर्यात और आयात, खरीद, बिक्री को अनुमति मिल गई है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट में एक बैठक हुई थी. इस बैठक में शराब के उत्पादन, निर्यात-आयात, खरीद, बिक्री या आसान भाषा में कहें शराबबंदी हटाने का फैलसा लिया गया. बता दें कि इसको लेकर राज्यपाल का आदेश भी आ गया है. इसके बाद मणिपुर में शराब का सेवन वैध हो गया है.
क्या बिहार में भी खत्म होगी शराबबंदी? CIABC
सीआईएबीसी (CIABC) ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नितीश कुमार से बिहार में लागू शराबबंदी हटाने के लिए आग्रह किया है. इस अपील पर बिहार के निषेध और उत्पाद शुल्क मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा पारित हुआ था. इस निर्णय का अब वापस नहीं लिया जा सकता है.
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