नई दिल्ली: Akhilesh Yadav UP Vidhan Sabha Chunav 2027: उत्तर प्रदेश में के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का 'PDA' फॉर्मूला हिट रहा था. सभी अटकलों को धता बतात हुए अकेली सपा ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की. जो भाजपा 'मिशन 70' का नारा दे रही थी, वह 33 सीटों पर अटक गई. NDA 36 सीटों पर सिमटा, जबकि INDIA 43 सीटों पर विजयी हुआ. इसका श्रेय अखिलेश के PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को दिया था. लेकिन अब विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश ने अपने इस फॉर्मूले में विस्तार किया. इसमें ब्राह्मणों को भी एड किया है.
शिवपाल को नहीं, माता प्रसाद को बनाया नेता विपक्ष
हाल ही में अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडे को यूपी विधानसभा में नेता विपक्ष बनाया है. जबकि पहले चर्चा थी कि शिवपाल यादव को ये पद मिल सकता है. इसके बाद डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश ने PDA को धोखा दिया है. CM योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि चचा को गच्चा दे दिया. आइए, जानते हैं कि अखिलेश ने PDA को लोकसभा चुनाव जीतने के बाद कैसे साधा और ब्राह्मणों को इसमें एड क्यों किया गया है.
चुनाव में जीत के बाद PDA को अखिलेश ने ऐसे साधा
अखिलेश ने लोकसभा चुनाव जीतते ही अपने PDA वोटबैंक को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया. सबसे पहले फैजाबाद से दलित के सांसद अवधेश प्रसाद को संसद ले गए और उन्हें सबसे आगे की कुर्सी पर बिठाया. मुख्य सचेतक और उपमुख्य सचेतक के पद पर दो मुस्लिम (अल्पसंख्यक) नेताओं को बैठाया है. कुर्मी बिरादरी के नेता को उपसचेतक बनाया है.
अखिलेश यादव- सपा प्रमुख (P)
अवधेश प्रसाद- करीबी सांसद (D)
महबूब अली और कमाल अख्तर- मुख्य सचेतक और उपमुख्य सचेतक (A)
अखिलेश ने मायावती से क्या सीख ली?
ऐसा कहा जाता है कि यूपी में सत्ता का रास्ता ब्राह्मण वोट बैंक को बिना साथ लिए नहीं तय किया जा सकता है. 2007 के विधानसभा चुनाव में मायावती ने ब्राह्मण वोटर्स को साध लिया था. इस कारण वे सत्ता में आईं. तब उन्होंने नारा दिया, 'हाथी नहीं गणेश हैं, ब्रह्मा, विष्णु, महेश हैं.' तब बसपा ने 86 टिकट ब्राह्मणों को दिए थे. ये प्रयोग इतना सफल रहा कि पहली बार यूपी बसपा अपने दम पर सरकार बना पाई. अब मायावती से सीख लेते हुए अखिलेश इस समाज को साधने का प्रयास कर रहे हैं.
यूपी में ब्राह्मण वोटर्स कितने प्रभावी?
यूपी में अब तक कुल 21 मुख्यमंत्री रहे हैं. इनमें से 6 ब्राह्मण समाज से आते हैं. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस समाज का राजनीतिक प्रभुत्व कितना है.
- यूपी में करीब 12 से 14 फीसदी ब्राह्मण मतदाता है.
- यूपी में 403 में से 115 सीटों पर ब्राह्मणों का प्रभाव है.
- 12 जिले ऐसे हैं, जहां पर 15% से अधिक ब्राह्मण वोटर्स हैं.
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