नई दिल्ली: देश के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामित हो चुके जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को शपथ लेने से रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. हालांकि सीजेआई यूयू ललित के नेतृत्व वाली तीन सदस्य बेंच ने बुधवार सुबह मेंशन की गई इस याचिका को खारिज कर दिया है.
कितने दायर की थी याचिका
सीजेआई यूयू ललित, जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष में मुर्सलिन असिजीत शेख ने याचिका दायर कर जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को देश का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने को चुनौती दी.
क्या है आरोप
मुरसलिन असिजीत शेख द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने 12 मौकों पर सुप्रीम कोर्ट में जानबूझकर अवहेलना की और जानबूझकर योग्य वादियों को न्याय से वंचित किया है. याचिका में यह भी कहा गया कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने बेटे के मुवक्किल से संबंधित एक मामले को सुनते हुए राज्य सरकार सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए बिना एकतरफा आदेश पारित किया है. याचिका में जस्टिस चंद्रचूड़ के खिलाफ अदालत की अवमानना और अन्य आपराधिक कार्रवाई की मांग करते हुए केंद्र सरकार को उन्हें सीजेआई के रूप में नियुक्त करने से परहेज करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी.
क्या कहा अदालत ने
सीजेआई यूयू ललित के पीठ के समक्ष अधिवक्ता ने इस मामले को मेंशन किया जिसके बाद सीजेआई ललित ने तत्काल दोपहर 12.45 इसके सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए. नियम समय के कुछ देर इस मामले पर सुनवाई हुई.
याचिका पर आदेश देने पूर्व सीजेआई ललित ने कहा कि इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए सुबह मेंशन किया गया था, इस याचिका की प्रकृति को देखते हुए वकील को दोपहर 12:45 बजे बहस करने की अनुमति दी गई और मामला हमारे सामने दाखिल करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. सीजेआई की पीठ ने अधिवक्ता की ओर से दायर याचिका को खारिज करने के आदेश दिए. याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा है कि इस स्तर पर हमें इस याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं दिखता है. यह पूरी याचिका पूर्णतया गलत है. जिसे खारिज किया जाताा है.
गौरतलब है कि जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ को देश के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नामित किया गया है. कॉलेजियम की सिफारिश के पश्चात राष्ट्रपति द्वारा उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी जा चुकी है. और वे आगामी 9 नवंबर को वर्तमान सीजेआई ललित की जगह लेंगे.
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