कर्मचारी अब 4 महीने के भीतर चुन सकते हैं बढ़ी पेंशन का विकल्प, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा है जिसके बाद 2014 से पहले विस्तारित पेंशन कवरेज को न अपनाने वाले पात्र कर्मचारी भी अगले चार महीने में इसका हिस्सा बन सकते हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 6, 2022, 09:09 PM IST
  • कर्मचारी अब 4 महीने के भीतर चुन सकते हैं बढ़ी पेंशन का विकल्प
  • सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कर्मचारियों को दी बड़ी राहत
कर्मचारी अब 4 महीने के भीतर चुन सकते हैं बढ़ी पेंशन का विकल्प, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नई दिल्ली: जिन भी कर्मचारियों ने अभी तक 2014 से पहले बढ़ी हुई पेंशन कवरेज का ऑप्शन नहीं चुना है, वे अगले चार महीनों के भीतर अपने नियोक्ताओं यानी जहां वे नौकरी कर रहे हैं वे उनके साथ संयुक्त रूप से ऐसा कर सकते हैं. यह कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा है जिसके बाद 2014 से पहले विस्तारित पेंशन कवरेज को न अपनाने वाले पात्र कर्मचारी भी अगले चार महीने में इसका हिस्सा बन सकते हैं. इस फैसले के बाद एक सितंबर 2014 तक ईपीएस के मौजूदा सदस्य रहे कर्मचारी अपने 'वास्तविक' वेतन का 8.33 फीसदी तक योगदान दे सकते हैं. 

पहले कर पाते थे केवल इतने हिस्से का योगदान

बता दें कि पहले कर्मचारी पेंशन-योग्य वेतन का 8.33 फीसदी योगदान ही दे पाते थे और इसकी भी अधिकतम सीमा 15,000 रुपये प्रतिमाह तय थी. लेकिन अब कर्मचारी इस योजना में अधिक योगदान दे सकेंगे और अधिक लाभ भी पा सकेंगे. इसके साथ ही न्यायालय ने 2014 के संशोधनों में उन शर्त को शुक्रवार को निरस्त कर दिया जिसमें कर्मचारी के लिए 15,000 प्रतिमाह से अधिक के वेतन का 1.16 फीसदी योगदान अनिवार्य किया गया था.

अब ये डिमांड कर रहे कर्मचारी संगठन

कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि सरकार पेंशन कोष ईपीएफओ के केंद्रीय बोर्ड के न्यासियों की असाधारण बैठक बनाए ताकि शीर्ष अदालत के आदेश को जल्द लागू किया जा सके. अगस्त 2014 में पेंशन योजना में संशोधन करते हुए पेंशनयोग्य वेतन की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये प्रतिमाह कर दी गई थी जो पहले 6,500 रुपये प्रतिमाह थी. इससे सदस्य और उनके नियोक्ता के लिए वास्तविक वेतनों का 8.33 फीसदी योगदान संभव हो सका.\

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