नई दिल्ली: सीजेआई जस्टिस यू यू ललित ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के नवनिर्मित राष्ट्रीय कार्यालय सेंटर फॉर सिटीजन सर्विस का आज उद्घाटन किया. नई दिल्ली के मानसिंह रोड स्थित जैसलमेर हाउस में नवनिर्मित कार्यालय अब नालसा का स्थायी कार्यालय होगा, जहां पर आम जनता सीधे नालसा अधिकारियों से संपर्क कर सकेगी.
कानूनी सहायता के लिए सीधे संपर्क कर सकेंगे लोग
मंगलवार सुबह 9.30 बजे आयोजित हुए इस उद्घाटन समारोह में सीजेआई के साथ नालसा के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष डॉ जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस संजय किशन कौल, सुप्रीम जज जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बी आ गवई और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी भी मौजूद रहें.
नालसा के इस सेंटर फॉर सिटीजंस का उद्घाटन करते हुए सीजेआई जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि नालसा के लिए ये एक ऐतिहासिक पल कि उसने आम जनता तक न्याय की पहुंच बनाने के लिए और देश में प्रभावी कानूनी सहायता के वितरण में नागरिक सेवाओं के लिए एक समर्पित केंद्र की स्थापना की हैं. सीजेआई ने कहा कि अब आम जनता से नालसा की सीधी पहुंच हो सकेगी. इस कार्यालय में अब कोई भी व्यक्ति कानूनी सहायता के लिए सीधे संपर्क कर सकेगा.
नालसा कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर जस्टिस चन्द्रचूड़ का पहला कार्यक्रम
नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद डॉ जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ ने अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में शिरकत की. नालसा के इस नवीन कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि सेंटर फॉर सिटीजन के नाम से ही पता चलता है कि यह सेंटर आम आदमी को बिना किसी परेशानी के प्रभावी कानूनी सेवाएं प्रदान करने में एक बेहतर माध्यम साबित होगा.
जस्टिस चन्द्रचूड़ ने नालसा के नए कार्यालया को सभी तकनीकी सुविधाओं से लैस एक केन्द्रीकृत कार्यालय होने के चलते आम जनता को बेहतर लाभ मिलने की उम्मीद जतायी हैं. सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस संजय किशन कौल ने भी नालसा के प्रयासों की सराहना की.
तीन जगह बदलने के बाद मिला स्थायी कार्यालय
गौरतलब है 9 नवंबर, 1995 को नालसा की स्थापना के बाद ही कोई स्थायी कार्यालय नही था. लंबे समय से नालसा का कार्यालय जामनगर हाउस स्थित भवन से संचालित किया जा रहा था. वक्त के साथ नालसा के स्टाफ और सेवाएं बढ़ती गईं, लेकिन कार्यालय में कोई विस्तार नहीं हुआ था. जामनगर स्थित कार्यालय आवश्यकताओं के अनुसार बेहद छोटा था जिसके चलते 9 नवंबर 2021 को नालसा कार्यालय को सुप्रीम कोर्ट के नवनिर्मित भवन में अस्थायी तौर शिफ्ट कर दिया गया.
आम जनता नहीं कर सकती थी प्रवेश
सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश को लेकर कई पाबंदियां हैं, नालसा कार्यालय को सुप्रीम कोर्ट के नवनिर्मित भवन में शिफ्ट करने से सबसे ज्यादा प्रभावित वे लोग हुए, जो सीधे नालसा से संपर्क करना चाहते थे. क्योकि सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश के लिए प्रवेश पास की सख्त प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता था. यहां तक कि सरकारी अधिकारियों को भी आसानी से प्रवेश नहीं मिल पाता था. यहां तक कि दूसरे राज्य से आने वाले नालसा से जुड़े कार्मिको के लिए काफी मुश्किल होता था.
जैसलमेर हाउस में आसानी से मिलेगा प्रवेश
नई दिल्ली के मानसिंह रोड़ स्थित जैसलमेर में नालसा के इस नवनिर्मित भवन करीब 7 हजार वर्गफीट से ज्यादा क्षेत्र में बना है. इस कार्यालय में नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष, डायरेक्टर कक्ष के साथ साथ डिप्टी सेक्रेटरी के दो कक्ष, दो ऑफिस कक्ष, 2 कॉन्फ्रेंस रूम के साथ पूर्णतया डिजिटल और मॉडर्न आफिस बनाया गया है. इस कार्यालय पर तकनीकी और लीगल सर्विस की टीम हर समय मौजूद रहेंगी.
इस कार्यालय में प्रवेश के लिए जैसलमेर हाउस पहुंचने के बाद केवल आपको आधार कार्ड या अन्य कोई भी आईडी चेक कराकर प्रवेश कर सकेंगे.
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