नई दिल्ली. अपने महानायक पति के संरक्षण में फ़िल्मी दुनिया से राजनीति की दुनिया तक पहुंची जया बच्चन ने गलत जगह हाथ डाल दिया है और इस कारण आज वे देश भर के निशाने पर आ गई हैं. सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर हो रही जांच ने जब ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफ़ाश कर दिया है तो मुंबई के नशेड़ियों के बचाव में उतरना उनको बहुत भारी पड़ गया है.
जया बच्चन का संसद-विलाप
समाजवादी पार्टी से सांसद जया बच्चन संसद के मानसून सत्र में बॉलीवुड में हो रही ड्रग्स की बारिश में नहाते नशेबाजों को बचाती नजर आईं. इसके लिए उन्होंने भाजपा सांसद और अभिनेता रविकिशन को लेकर विलाप किया. उन्होंने रविकिशन का नाम लिए बिना कहा कि -शर्म की बात है कि लोग जिस थाली में खाते हैं उसी थाली में छेद करते हैं. इसके बाद तुरंत उन्हें रविकिशन का करारा जवाब भी मिल गया.
''जिंदगी झंड बा फिर भी घमंड बा''
उपरोक्त संवाद के लिए जाने जाने वाले भोजपुरी सुपरस्टार रविकिशन ने जया बच्चन का बयान सुनने के बाद उनका नाम लेकर सीधे ही उन पर हमला बोल दिया. मीडिया को दिए अपने बयान से पलटवार करते हुए उन्होंने कहा - मैंने अपनी थाली खुद बनाई है, मुझ पर किसी ने कोई अहसान नहीं किया है.'' उन्होंने कहा - ''ज़िंदगी झंड बा फिर भी घमंड बा!'' और इस तरह से अप्रत्यक्ष रूप से उन्होंने रिटायर्ड जया बच्चन और जवानी में ही रिटायर्ड उनके पुत्र अभिषेक बच्चन पर ही यह कटाक्ष कर दिया. रविकिशन ने कहा कि जो लोग नशेबाजों को बचाने के लिए उतर रहे हैं, शर्म तो उनको आनी चाहिए!
महानायक की थाली दो लोगों ने तैयार की थी
जनता के बीच खड़ूस छवि वाली जया बच्चन इस बात को भूल गईं कि एक जमाने में उनके पतिदेव की थाली भी दो लोगों ने तैयार की थी. एक तो उनके पारिवारिक मित्र प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र राजीव गांधी जो बाद में स्वयं भी प्रधानमंत्री बन गए थे और दूसरे व्यक्ति थे उनके मशहूर कवि पिता हरिवंश राय बच्चन जो प्रधानमंत्री नेहरू के करीबी रहे थे. इसी तरह फ्लॉप हीरो अभिषेक बच्चन को भी कई फिल्मे अमिताभ बच्चन की कोशिशों के कारण मिली हैं. इसलिए थाली की बात बच्चन परिवार पर ही लागू होती है, रविकिशन पर नहीं. ऐसी हरकतें करके जनता की नजर में जया कहीं जाया न हो जायें.
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