Sujit Kumar Birthday: 'मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू' गाना तो सबने सुना ही है. इस गाने में राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर के अलावा एक शख्स पर नजर जाती है जो जीप चला रहा है. वो कोई और नहीं बल्कि सुजीत कुमार थे. सुजीत कुमार बनारस के पास के एक गांव में पैदा हुए. किसान परिवार के सुजीत ने कभी फिल्मों में आने के बारे में सोचा भी नहीं था. उनका शौक कब फिल्मों में आने की वजह बन गया उन्हें पता नहीं चला.
जब मिला पहला ब्रेक
वकालत के दिनों की बात है सुजीत कुमार पठाई के साथ कॉलेज में एक नाटक में भाग ले रहे थे. वहां ऑडिएंस में दिग्गज डायरेक्टर फणी मजुमदार भी मौजूद थे. फणी मजुमदार की नजर सुजीत पर पड़ी. सुजीत को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला. उन्होंने सुजीत को फिल्मों में आने की सलाह दी थी. फिर क्या सुजीत का रुझान फिल्मों की तरफ बढ़ गया. सुजीत की पहली फिल्म 'दूर गगन की छांव में' थी. किशोर कुमार की वजह से सुजीत कुमार को उनका पहला ब्रेक मिला.
फेमस भोजपुरी स्टार
सुजीत कुमार ने बॉलीवुड में जितना काम किया. उससे कहीं ज्यादा काम उन्होंने भोजपुरी सिनेमा किया. जो प्यार और सम्मान उन्हें रिजनल सिनेमा में दिया गया वो उन्हें आखिरी दम तक याद रहा. साल 1977 में भोजपुरी सिनेमा की पहली रंगीन फिल्म 'दंगल' आई जिसमें वो बतौर लीड एक्टर नजर आए. बहुत कम लोग जानते हैं कि पान खाए सैंया हमार का निर्माण और निर्देशन सुजीत ने ही किया था.
कैंसर ने जब छीनी सांसें
सुजीत कुमार अक्सर बीमार रहते. सेट पर काम करते हुए कई बार कमजोरी महसूस करते. उन्होंने कभी इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. फिर 2007 में उन्हें पता चला कि वो कैंसर से पीड़ित हैं. फिर क्या दवाइयां, कीमो के बीच उनके परिवार वाले 3 साल तक ही उनकी देखभाल कर पाए. मुंबई में उनका निधन हो गया. भले ही आज वो गुमनाम हो गए हैं लेकिन सिनेमा के इतिहास में वो हमेशा के लिए अमर हैं.
ये भी पढ़ें- Avneet Kaur Hot Dance: अवनीत कौर बनीं 'पठान', कैमरे के सामने लगाया हॉटनेस का तड़का
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.