Prakash Jha Birthday: पेंटर बनना चाहते थे फिल्ममेकर प्रकाश झा, किस्मत ने बना दिया निर्देशक, पहली फिल्म के लिए जीता नेशनल अवॉर्ड

Prakash Jha Birthday: राजनीति, अपहरण, आरक्षण जैसी फिल्मों का डायरेक्शन करने वाले प्रकाश झा आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं. इस खास मौके पर चलिए जानते उनसे जुड़ी कुछ खास बातें.

Written by - Manushri Bajpai | Last Updated : Feb 27, 2024, 10:22 AM IST
  • 72 साल के हुए प्रकाश झा
  • कई बेहतरीन फिल्मों कर चुके हैं निर्माण
Prakash Jha Birthday: पेंटर बनना चाहते थे फिल्ममेकर प्रकाश झा, किस्मत ने बना दिया निर्देशक, पहली फिल्म के लिए जीता नेशनल अवॉर्ड

नई दिल्ली:Prakash Jha Birthday: बॉलीवुड फिल्मों में कंटेंट बेस्ड फिल्में कम ही देखने को मिल रही है. हर फिल्म को साउथ सिनेमा और हॉलीवुड से कॉपी किया जा रहा हैं. वहीं हम आज हिंदी सिनेमा के ऐसे डायरेक्टर की बात कर रहे हैं जो मसाला मूवीज में भरोसा नहीं करते बल्कि हमेशा सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में बनाते हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं प्रकाश झा की. जिन्होंने हिंदी सिनेमा को कई बेहतरीन फिल्मों से नवाजा है.

सामाजिक मुद्दों पर फिल्मों का किया निर्माण

बन्दिश, मृत्युदंड, राजनीति, अपहरण, दामुल, गंगाजल, टर्निंग 3, राजनीति, आरक्षण, सत्याग्रह जैसी कई फिल्मों को बनाकर प्रकाश झा ने एक अलग मुकाम हासिल किया हैं. प्रकाश झा अपनी फिल्मों के माध्यम से सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर और रूढ़ीवादी सोच पर सवाल खड़े करने से पीछे नहीं हटते हैं. लव स्टोरीज और शॉफ्ट फिल्मों से हटकर उन्होंने रियल स्टोरीज पर फिल्में बनाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है.

पेंटर बनना चाहते थे प्रकाश

प्रकाश झा ने इंटरव्यू के दौरान खुद इस बात का खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि जिस समय लोग अफसर बनने का सपना देखते हैं, उस समय वह पेंटर बनना चाहते थे. प्रकाश 300 रुपये लेकर घर से निकल गए थे.  यह बात उनके परिवार को जरा भी पसंद नहीं आई थी. प्रकाश के रिश्ते परिवार से इस कदर खराब हुए कि पांच साल तक उनके पिता ने उनसे बात तक नहीं की थी.

किस्मत से बने निर्देशन

फिल्ममेकर ने बताया था कि पेंटर बनने के लिए उन्होंने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में एडमिशन लिया था. तभी उन्होंने मुंबई में एक फिल्म की शूटिंग देखी और उन्हें यह सब इतना अच्छा लगा की वे निर्देशक बनने का सपना बुनने लगे. इसके बाद उन्होंने फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे में एडमिशन लिया.

पहली ही फिल्म को मिल गया नेशनल अवॉर्ड

फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे में उन्होंने फिल्म निर्माण की शिक्षा ली. इसके बाद साल 1984 में उन्होंने फिल्म 'हिप हिप हुर्रे' का डायरेक्शन कर डेब्यू किया. यह फिल्म बंधुआ मजदूर पर आधारित थी. अपनी पहली फिल्म के लिए ही प्रकाश को नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इशके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में बनाई.

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