नई दिल्ली:Jugal Hansraj: 26 जुलाई 1972 में मुंबई जन्में जुगल हंसराज ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ही फिल्मी दुनियां में कदम रख दिया था. वह कई हिंदी फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट तौर पर नजर आए हैं. जिसके बाद उन्होंने कई विज्ञापनों में काम किया है. एक्टर ने कई हिट फिल्मों में भी काम किया. लेकिन अचानक उकी किस्मत ऐसी पलटी कि वह फिल्मों से हमेशा के लिए दूर हो गए.
शेखर कपूर की फिल्म से शुरू हुआ करियर
जुगल पहली बार शेखर कपूर की फिल्म मासूम में बाल कलाकर के तौर पर नजर आए थे. यह 1983 में रिलीज हुई थी. जिसके बाद एक्टर ने 'कर्म' (1986) और 'सल्तनत' (1986) में भी बाल कलाकार के रूप में दिखाई दिए थे. इन फिल्मों में एक्टर को बहुत ज्यादा पसंद किया गया था.
इस फिल्म मिला पहला लीड रोल
जुगल बतौर लीड एक्टर 1994 में लॉन्च हुए हैं. एक्टर को फिल्म 'आ गले लग जा' में लीड रोल के लिए कास्ट किया गया था. लीड एक्टर के रूप में उन्हें बॉलीवुड डेब्यू किया तो हर किसी के दिल में छा गए.
दर्शकों का भी उन्हें भरपूर प्यार मिला. इसके बाद वह 1996 में फिल्म 'पापा कहते हैं' में दिखे और यह फिल्म भी हिट रही. इस फिल्म के बाद जुगल को मोहब्बतें (2000), कभी खुशी कभी गम (2001) और सलाम नमस्ते (2005) जैसी हिट फिल्मों देखा गया.
फिल्मों से बना ली दूरी
जुगल में दर्शक एक सुपरस्टार देख रहे थे. उन्हें एक साथ 40 फिल्में ऑफर की गईं थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक्टर उन फिल्मों की शूटिंग में बिजी थे, जिसने उनके करिअर को बर्बाद कर दिया था. दरअसल, एक के बाद एक हिट फिल्म देने की वजह से फिल्म मेकर्स के बीच जुगल को साइन की होड़ लग गई थी. जुगल उन्हीं फिल्मों में लगातार काम करने लगे और पर्दे से दूर होते चले गए. जिन 40 फिल्मों की शूटिंग में वह बिजी रहे, उसमें से 35 फिल्में कभी नहीं बनीं.
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