गाने की रिकॉर्डिंग के लिए जब लता मंगेशकर को कर दिया था बाहर खड़ा, 20-25 टेक के बाद भी गाना नहीं हो पाया था फाइनल!

Lata Mangeshkar Death Anniversary: लता मंगेशकर का बचपन से ही संगीत से गहरा लगाव था. अपने पिता जी से इतना डरती थीं कि अपनी मां को किचन में गाने सुनाया करती. कई बार तो मां भी कह देती की मेरा दिमाग मत खाया करो.

Written by - Kamna Lakaria | Last Updated : Feb 6, 2023, 06:09 AM IST
  • लता मंगेशकर के नाम हैं कई रिकॉर्ड
  • आज भी नहीं छोड़ पाया कोई पीछे
गाने की रिकॉर्डिंग के लिए जब लता मंगेशकर को कर दिया था बाहर खड़ा, 20-25 टेक के बाद भी गाना नहीं हो पाया था फाइनल!

नई दिल्ली: कभी मां की थपकी की तरह सुलाती, कभी बच्चों सी हंसाती, कभी उत्सव में झूमने को मजबूर कर देती तो कभी नशे में चूर हलकी सी हरारत दिखाती. ये आवाज अपने आप में एक संगीत की दुनिया है. वो अजायबघर जिसके अंदर झांको तो आपको 60 दशकों का सुरमयी खजाना मिलता है. हम बात कर रहे हैं स्वर कोकिला की. लता मंगेशकर जिन्होंने मधुबाला से लेकर आज के दौर की अभिनेत्रियों के लिए भी गाया. आज उनकी याद में उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताएंगे कि आप भी खिलखिला पड़ेंगे की वाह लता दीदी वाह!

रिकॉर्डिंग की तकनीक

'महल' फिल्म में 'आएगा! आएगा! आएगा! आने वाला' गीत था. गीत को आज भी लोग बेहद पसंद करते हैं, लेकिन इस गाने की रिकॉर्डिंग के पीछे की तकनीक जानकर आप भी दंग रह जाएंगे. दरअसल संगीतकार चाहते थे कि गाने की शुरुआत में जो शेयर है वो ऐसा लगे जैसे दूर से कोई पढ़ते हुए आ रहा है. तकनीक अच्छी ना होने की वजह से लता मंगेशकर को वो शेयर काफी दूर से पढ़ते हुए आना था और माइक पर पहुंचते ही 'आएगा' से गाना शुरू करना था. 20-25 बार ये सारा रिपीट हुआ. बार-बार टेक के बाद संगीतकार यही कहते कि अभी नहीं, अभी नहीं. गाते हुए चलना लता के लिए काफी मुश्किल था. उनके लिए हमेशा खड़े होकर गाना ज्यादा आसान रहा.

डिप्रेशन में भी किया काम

कहते हैं ना कि कामयाबी अपने साथ जिम्मेदारियों का पहाड़ लेकर आती है. कई बार जिम्मेदारियां इतनी बढ़ जाती हैं कि आपके पास अपने इमोशंस के लिए भी समय नहीं बचता. ऐसा ही कुछ लता मंगेशकर के साथ भी हुआ. एक इंटरव्यू में उनकी छोटी बहन मीना मंगेशकर ने बताया कि कैसे पिता की मौत के बाद लता दीदी गुमसुम हो गई थीं. डिप्रेशन के बावजूद दो महीने के भीतर उन्हें काम शुरू करना पड़ा.

शाही परिवार से था रिश्ता

लता मंगेशकर की जिंदगी में प्यार की फुहारें भी आईं लेकिन कभी शादी नहीं की. लता मंगेशकर को क्रिकेट से बेहद लगाव था. डूंगरपुर के महाराज राज सिंह से उनकी दोस्ती क्रिकेट के जरिए ही हुई. राज सिंह और लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ की अच्छी दोस्ती थी. लता भी कभी-कभी क्रिकेट खेलने जाया करतीं. राज सिंह कई बार उनकी रिकॉर्डिंग्स पर भी गए. दोनों की शादी को लेकर खबर आई थी कि राज सिंह ने अपने पिता को वादा किया था कि वो किसी आम इंसान को शाही परिवार में नहीं लाएंगे. इसी के चलते दोनों ने शादी नहीं की. फिर भी हमेशा दोस्त रहे.

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