विश्वराज सिंह: महाराणा प्रताप के वंशज ने चुनाव में कांग्रेसी दिग्गज CP जोशी को दी पटखनी

चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक 20 राउंड की गिनती के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ को 94243 वोट हासिल हुए. जबकि सीपी जोशी 7636 वोट से पिछड़ गए. जोशी को 86607 वोट हासिल हुए. जोशी के साथ यह दूसरी बार जब उनकी राजनीतिक पराजय ने सुर्खियां बटोरी हैं. इससे पहले भी सीपी जोशी की एक वोट से हुई हार को पूरे देश में सुर्खियां मिली थीं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 3, 2023, 04:30 PM IST
  • महाराणा प्रताप के वंशज हैं विश्वराज.
  • 30 साल बाद ली है राजनीति में एंट्री.
विश्वराज सिंह: महाराणा प्रताप के वंशज ने चुनाव में कांग्रेसी दिग्गज CP जोशी को दी पटखनी

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को भी इस चुनाव में झटके का सामना करना पड़ा है. दिग्गज कांग्रेसी नेता और राज्य विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी को अपनी परंपरागत नाथद्वारा सीट पर हार का सामना करना पड़ा है. जोशी को बीजेपी कैंडिडेट विश्वराज सिंह मेवाड़ ने चुनावी मैदान में हराया है. 

कितने वोटों से जीते विश्वराज सिंह मेवाड़
चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक 20 राउंड की गिनती के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ को 94243 वोट हासिल हुए. जबकि सीपी जोशी 7636 वोट से पिछड़ गए. जोशी को 86607 वोट हासिल हुए. जोशी के साथ यह दूसरी बार जब उनकी राजनीतिक पराजय ने सुर्खियां बटोरी हैं. इससे पहले भी सीपी जोशी की एक वोट से हुई हार को पूरे देश में सुर्खियां मिली थीं. 

उदयपुर राजघराने से है ताल्लुक
हालांकि इस बार सीपी जोशी की हार से ज्यादा उन्हें हराने वाले विश्वराज सिंह मेवाड़ की चर्चा है. उदयपुर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले विश्वराज सिंह महाराणा प्रताप के वंशज हैं. उन्होंने बीते अक्टूबर महीने में ही बीजेपी का दामन थामा था. विश्वराज के पिता महेंद्र सिंह बीजेपी के टिकट पर पहले सांसद रह चुके हैं. 

मेवाड़ इलाके में बीजेपी को थी फायदे की उम्मीद
चुनाव से पहले माना जा रहा था विश्वराज सिंह के बीजेपी में शामिल होने पर मेवाड़ इलाके में पार्टी को फायदा हो सकता है. विश्वराज के पिता महेंद्र सिंह ने साल 1989 में चित्तौड़गढ़ सीट से बीजेपी के टिकट पर रिकॉर्ड मतों से जीत कर सांसद बने थे. इस जीत के बाद परिवार की तरफ से करीब 30 बाद विश्वराज सिंह ने राजनीति में एंट्री ली. उनकी यह एंट्री बेहद धमाकेदार साबित हुई है. 

30 साल बाद परिवार से राजनीति में एंट्री
विश्वराज सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई अजमेर से की और फिर इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए मुंबई चले गए थे. 30 साल के अंतर के बाद राजनीति में परिवार के प्रवेश पर उन्होंने कहा था कि देश की प्रगति में हर नागरिक को हिस्सा लेना चाहिए. उन्हें राजनीति में लाने में एक अन्य राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाली सांसद दिया कुमारी का बड़ा हाथ माना जा रहा है.

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