नई दिल्लीः देश की अखंडता और सौहार्द को तोड़ने का कुचक्र रचने वाले चाहे कोई भी चोला ओढ़ लें, वह आसानी से नहीं छूट सकते हैं. लड़कियों की आज़ादी से जुड़ी मुहिम 'पिंजरा तोड़' के नाम पर वामपंथी षड्यंत्र को हवा देने वाली दो महिला कार्यकर्ताओं को दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. इससे पहले दोनों को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में रविवार को ज़मानत मिल गई थी. हालांकि ज़मानत मिलने के कुछ ही पल बाद पुलिस ने लड़कियों को दंगे से जुड़े क़त्ल के एक दूसरे मामले में गिरफ़्तार कर लिया.
खौफनाक थे इरादे, बनाई थी दंगा भड़काने की रणनीति
इन दोनों महिलाओं नताशा और देवांगना के इरादे कितने खौफनाक थे इसका अंदाजा भी लगा पाना मुश्किल है. दरअसल यह भी सामने आया है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में हुई हिंसा के दौरान दंगों को भड़काने के साथ महिलाओं से चक्का जाम कराने में पिंजरा तोड़ संगठन की इन दोनों सदस्याओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दोनों ने दंगों के दौरान लोगों को उकसाने और दंगे भड़काने के लिए रणनीति भी बनाई थी. नतीजा यह हुआ कि दिल्ली सुलग उठी और इस आग में 52 लोगों की मौत हो गई.
पहले मिली थी जमानत
कड़कड़डूमा जिला अदालत के ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने देवांगना कलीता (30) और नताशा नरवाल (32) को जमानत देते हुए कहा कि युवतियों के खिलाफ लगाई गई सरकारी काम में बाधा पहुंचाने संबंधी धारा सही नहीं है, ये कार्यकर्ता सिर्फ एनआरसी और सीएए के खिलाफ विरोधप्रदर्शन कर रही थीं. यह जांच में सहयोग करने को तैयार हैं.
पुलिस ने कोर्ट में पेश किया दावा
वहीं दूसरी ओर हत्या मामले में पुलिस ने कोर्ट में दावा पेश किया कि देवांगना कलीता और नताशा नरवाल फरवरी 22-23 को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर सीएए विरोध प्रदर्शन आयोजित करने और रोड ब्लॉक करने वालों में शामिल थीं. इस दौरान जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर लगभग 500 लोगों का एक समूह इकट्ठा हुआ था जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं. इसके एक दिन बाद सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसाीि हुई थी जिसमें कम से कम 52 लोग मारे गए और कई घायल हुए.
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दोनों हैं JNU की छात्राएं
नताशा नरवाल और देवांगना कलीता जेएनयू की छात्राएं हैं. कलीता सेंटर फॉर वीमेन स्टडीज में एमफिल, जबकि नरवाल सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज की पीएचडी की छात्रा है. दोनों पिंजरा तोड़ संगठन की संस्थापक सदस्य हैं. इन दोनों के खिलाफ दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, जाफराबाद पुलिस और क्राइम ब्रांच द्वारा तीन मामलों में जांच की जा रही है.
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