अहमदाबादः गुजरात पुलिस की ATS को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. जानकारी के मुताबिक पुलिस के आतंक निरोधक दस्ते (ATS) कुख्यात बाबू सोलंकी को गिरफ्तार किया है. बाबू 14 साल से फरार था. इससे भी बड़ी खास बात की वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ कहा जाता था. बाबू सोलंकी मेहसाणा के उंझा का रहने वाला है और मुंबई से ऑपरेट करता है.
2006 के गैंगवॉर में वॉन्टेड है सोलंकी
2006 के एक गैंगवॉर के केस में बाबू सोलंकी वॉन्टेड है और पिछले 14 सालों से फरार चल रहा था. सूत्रों ने बताया कि बाबू सोलंकी फिलहाल शरीफ खान के पठान के लिए काम करता है, जोकि दाऊद इब्राहिम का खास है. बाबू सोलंकी लूट के अपराधों में वांछित था
शरीफ खान इब्राहिम का सहयोगी है और कथित तौर पर पाकिस्तान में है. सोलंकी पर गुजरात एटीएस द्वारा जबरन वसूली, आपराधिक धमकी, आपराधिक साजिश सहित अन्य मामलों की जांच की गई थी.
Gujarat Anti Terrorism Squad (ATS) arrests history-sheeter working for aide of fugitive gangster Dawood Ibrahim: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) May 23, 2020
एक व्यापारी के कहने पर वसूली का आरोप
आतंक निरोधक दस्ते के मुताबिक सोलंकी और उसके गिरोह पर मेहसाणा के उंझा में स्थित एक शेयर बाजार के व्यापारी की ओर से अहमदाबाद के दो व्यापारियों से 10 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश करने का आरोप है. सोलंकी मुंबई भाग गया था और उसने वहां एक बॉडीगार्ड के रूप में काम किया था लेकिन गुजरात में अपराध करता रहा.
तीन करोड़ में तय हुई थी डीलो
एटीएस सूत्रों की मानें तो उंझा की गायत्री इन्वेस्टमेंट नाम की शेयर कंपनी में काम करने वाले प्रगनेश पटेल नाम के शख्स के शेयर्स को निलेश शाह और जिगर चोकसी ने बेच लिया था. इसके लिए प्रगनेश को 10 करोड़ रुपये दिए जाने थे लेकिन इन दोनों ने पैसे नहीं दिए.
इसपर प्रगनेश पटेल ने बाबू सोलंकी उर्फ राजू और आईएसआई के कथित एजेंट साबिरमियां अब्बासमियां सिपाई को रिकवरी का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया. प्रगनेश ने वादा किया कि वह इसमें से तीन करोड़ रुपये बाबू सोलंकी और साबिरमियां को देगा.
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दोनों तरफ से दे दिया गया था कॉन्ट्रैक्ट
दूसरी तरफ निलेश शाह और जिगर चोकसी ने मोहम्मद अतीक उर्फ जहांगीर और इकबाल पटेल को हायर किया कि वे बाबू सोलंकी और साबिरमियां का मुकाबला करें. इसी बीच पुलिस ने साबिरमियां और जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया. साबिरमियां के पास से एक देसी पिस्तौल और पांच कारतूस और जहांगीर के पास से एक रिवॉल्वर और सात कारतूस बरामद किए गए. इन दोनों के खिलाफ अवैध हथियार रखने का केस दर्ज हुआ.
फर्जी पुलिसवाला बनने का भी मामला है दर्ज
एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने कहा कि बाबू सोलंकी इस घटना के बाद से ही फरार था. वह मुंबई भाग गया था और बॉडीगार्ड की नौकरी करने लगा था. वह कई बार गुजरात में गिरफ्तार हो चुका है. 2006 में उसे फिरौती के मामले में, 2008 में 32 लाख की लूट केस में, 1996 में मुंबई में हत्या के मामले में और 2015 में सिद्धपुर में एक डकैती के मामले में उसके खिलाफ केस भी दर्ज हो चुका है. 2019 में फर्जी पुलिसवाला बनने के आरोप में भी उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था.