अशुभ होगा दिवाली का अगला दिन, सदियों बाद इस वजह से नहीं मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा

गोवर्धन पूजा हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों में से एक है. इन दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा होती है. इस त्योहार को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस बार यह त्योहार दीपावली के अगले दिन नहीं मनाया जाएगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 14, 2022, 03:08 PM IST
  • दीपावली के अगले दिन नहीं होगी गोवर्धन पूजा
  • भाई दूज के साथ मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा
अशुभ होगा दिवाली का अगला दिन, सदियों बाद इस वजह से नहीं मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा

नई दिल्ली. दीपावली के त्योहार में बस कुछ ही दिन बचे हैं. रौशनी का ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इस वर्ष 24 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा. दिपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा होती है. इस त्योहार को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन हर साल की तरह इस बार दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं होगी.

इस बार दीपावली का अगला दिन अशुभ है इसलिए गोवर्धन पूजा 25 अक्‍टूबर के बजाय 26 अक्टूबर को भाईदूज के अवसर पर मनाई जाएगी. दरअसल इस साल 25 अक्टूबर को आंशिक सूर्य ग्रहण लग रहा है. ग्रहण दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से शाम 06 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इस दौरान 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाएगा. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है.

सूतक काल की वजह से भगवान को अन्नकूट का भोग भी नहीं लगाया जा सकेगा. जिसकी वजह से गोवर्धन पूजा अगले दिन 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी. गोवर्धन पूजा को भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र को पराजित किए जाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस दिन गोबर से गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन कई तरह के पकवान भगवान कृष्ण को अर्पित किए जाते हैं.

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार गोर्वधन पूजा 26 अक्यूबर को मनाई जा रही है. गोवर्धन पूजा का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 36 मिनट से सुबह 08 बजकर 55 मिनट तक यानी 02 घण्टे 18 मिनट की अवधि का रहेगा.

गोवर्धन पूजा कैसे करें?
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. पूजा स्थल की साफ-सफाई करें. घर के भीतर एक खुली जगह में गाय के गोबर से गोवर्धन की मूर्ति बनाएं. इसपर हल्दी, कुमकुम और अक्षत चढ़ाएं. गोवर्धन की मूर्ति को भोग लगाएं. इस शुभ दिन पर भगवान को प्रसन्न करने के लिए 'श्रीगिर्रिराजधरणप्रभुतेरीशरण' मंत्र का जाप करें.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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