Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि पर इस मंत्र का करें जाप, भोलेनाथ पूरी करेंगे हर मनोकमना

Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि के दिन भक्त भगवान शिव के साथ माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और जिस भक्त से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं उसे दुःख हाथ भी नहीं लगा सकता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 22, 2022, 07:22 AM IST
  • भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं शिव
  • भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा
Masik Shivratri 2022: मासिक शिवरात्रि पर इस मंत्र का करें जाप, भोलेनाथ पूरी करेंगे हर मनोकमना

नई दिल्ली. प्रत्येक माह चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है. भगवान शिव को समर्पित यह व्रत परिवार के कल्याण के लिए रखा जाता है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से भगवान शिव अपने सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर देते हैं. इस दिन भक्त भगवान शिव के साथ माता पार्वती की विशेष पूजा करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और जिस भक्त से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं उसे दुःख हाथ भी नहीं लगा सकता है.

मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से भगवान शिव अपने सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर देते हैं. इस दिन भक्त भगवान शिव के साथ माता पार्वती की विशेष पूजा करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और जिस भक्त से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं उसे दुःख हाथ भी नहीं लगा सकता है.

एक रात में चार पहर होते हैं और चारों पहर में भगवान शिव का दूध, दही, शहद, घी से अभिषेक किया जाता है. पूजा के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप निरंतर किया जाता है. ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं. पहला पहर सूर्यास्त के बाद शुरू होता है और इसी के साथ भगवान शिव की उपासना भी शुरू हो जाती है. दूसरा पहर रात 9 बजे से और तीसरा पहल मध्यरात्रि 12 बजे से शुरू होता है. चौथा और अंतिम पहर सुबह 3 बजे से शुरू होता है और ब्रह्म मुहूर्त तक पूजा का समापन हो जाता है.

पूजा विधि
- स्नान-ध्यान करने के बाद पूजा की साफ-सफाई करें और व्रत व पूजा का संकल्प लें। इस बात का ध्यान रखें कि आप पूजा हमेशा प्रदोष काल में करें.
- पूजा में भगवान शिव का जलाभिषेक करें और बेलपत्र, धतूरा अर्पित करें। यह चीजें भोलेनाथ को अत्यधिक प्रिय है.
- पूजा के समय भगवान शिव पर बेलपत्र से जल का चिड़ाव अवश्य करें। ऐसा करने से उनका क्रोध शांत रहता है और वह भक्तों की सभी मनोकामना सुनते हैं.
- जलाभिषेक के बाद शिव जी को चंदन का टीका लगाएं और धतूरे, कनैल, भांग बेलपत्र इत्यादि अर्पित करें. शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि भगवान शिव को नीले और सफेद रंग के फूल अतिप्रिय है.
- इसके पश्चात घी का दीपक जलाएं और विधिवत भगवान शिव की आरती करें.
- पूजा में भगवान को पान का पत्ता जरूर चढ़ाएं ऐसा करने से भक्तों को बहुत लाभ होता है.

इस मंत्र का करें जाप
पूजा के दौरान निरंतर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और 108 महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात।।’ मंत्र का जाप जरूर करें.

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