नई दिल्ली: Mokshada Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है. एकादशी व्रत भगवान विष्णु को अति प्रिय है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एक साल के अंतराल में 24 एकादशी व्रत होते हैं. इसमें एक एकादशी व्रत कृष्ण पक्ष, तो दूसरा शुक्ल पक्ष में होता है. लेकिन इस साल अधिकमास था, इस कारण 26 एकादशी थीं. आगामी 22 दिसंबर को साल की अंतिम एकादशी है. मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 दिसंबर 2023 को सुबह 8:16 बजे शुरू होगी और अगले दिन सुबह 11 बजे तक रहेगी. एकादशी का व्रत करने वाले जीवन खुशियों से भर जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्ति होती है.
व्रत के बाद पारण का समय
मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने वालों के लिए व्रत पारण का समय 23 दिसंबर दोपहर 1:22 बजे से दोपहर 3:25 बजे तक है. जो वैष्णव परंपरा को मानते हैं वो 23 दिसंबर के दिन उपवास रख रहे हैं, उन्हें 24 दिसंबर सुबह 9:14 बजे तक पारण करना है.
मोक्षदा एकादशी के दिन क्या करें
मोक्षदा एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. व्रत के दिन तुलसी जी के पौधे की पूजा करें. इसके उनकी परिक्रमा और भजन कीर्तन करने चाहिए. इस दिन व्रत करने वालों को फला खाना चाहिए. मोक्षदा एकादशी पर दान-पुण्य भी करें.
मोक्षदा एकादशी के दिन क्या ना करें
मोक्षदा एकादशी पर चावल, प्याज या लहसुन न खाएं. इस दिन बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है. व्रत के दिन दूसरों की निंदा न करें. किसी के बारे में गलत न सोचें और असभ्य भाषा का इस्तेमाल न करें. इस दिन हिंसा न करें. किसी से कुछ उधार न लें. एकादशी व्रत के दिन पर पेड़ से फूल, फल या पत्ती नहीं तोड़ने चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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