sindhara dooj 2023 : जानें कब है सिंधारा दूज और सिंदूर से इसका कनेक्शन, इस दिन मायके से आते हैं उपहार

सिंधारा दूज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है. यह त्यौहार उत्तर भारत में, विशेषकर राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों में में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.  इस साल , सिंधारा दूज शुक्रवार, 18 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 3, 2023, 02:01 PM IST
  • हरियाली तीज से जुड़ी है.
  • घेवर, बालूशाही भेंट करें
sindhara dooj 2023 : जानें कब है सिंधारा दूज और सिंदूर से इसका कनेक्शन, इस दिन मायके से आते हैं उपहार

नई दिल्ली: सिंधारा दूज विवाहित महिलाओं के लिए एक विशेष त्यौहार है, जिसे हरियाली तीज से एक दिन  पहले मनाया जाता है. खासकर उनके लिए जिनकी नई – नई शादी हुई है. यह ससुराल में उनके आने की खुशी  का जश्न मनाने, नवविवाहित जोड़ों के लंबे और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करने का दिन है.

"सिंधारा" नाम "सिंदूर" शब्द  से आया है, जो सुहाग की निशानी है. जिसे सभी विवाहित महिलाएं अपनी मांग में लगाती हैं. सिंधारा दूज पर, विवाहित महिलाओं के मायके से उनके लिए सिन्दूर , कपड़े, गहने और मिठाइयाँ आदि आती हैं. मायके से आने वाले उपहार की सबसे पहले ससुराल मे पूजा की जाती है. सभी विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र की प्रार्थना करने के लिए मंदिरों में भी जाती हैं.

 सिंधारा दूज पर वाली रस्में 
1.देवी पार्वती की पूजा
सिंधारा दूज पर, विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी और खुशहाल जिंदगी के लिए देवी पार्वती की पूजा करती हैं.

2.सिन्दूर लगाना 
सिंधारा दूज पर, विवाहित महिलाएं  मंदिर मे सिन्दूर चढ़ाती हैं, और प्रसाद में मिला सिन्दूर अपनी मांग में लगाती हैं.  यह पतियों की लंबी उम्र के लिए के लिए किये जाने वाला एक रिवाज है.

3.तोहफे देना 
भारत के कुछ हिस्सों में, सिंधारा दूज पर विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को भी मिठाई और तोहफे देती हैं.  ये रिवाज आमतौर पर एक – दूसरे से मेल-मिलाप बढ़ाने का एक तरीका है.

4.मंदिर जाना
सिंधारा दूज पर, कई विवाहित महिलाएं अपने पतियों की सलामती के लिए पूजा करने के लिए मंदिरों में जाती हैं.  महिलाएं अपनी और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए पूजा करती हैं.

5.नवविवाहित जोड़े 
यह नई बहूओं के स्वागत का जश्न मनाने और उनके पूरे परिवार से रिश्ते मजबूत करने का दिन है.

6.भगवान विष्णु और लक्ष्मी
विवाहित महिलाएं  अपने पति और परिवार की भलाई के लिए भगवान विष्णु और लक्ष्मी की भी पूजा करती हैं.

सिंधारे में रखे ये खास सामान 
हरी चूड़ी, बिंदी, सिंदुर, काजल , मेहंदी , नथ, गजरा ,मांग टीका, बिछिया, पायल, झुमके , बाजूबंद,  अंगूठी, कंघा, आदि दिए जाते हैं , मिठाई में घेवर, रसगुल्ला, बालूशाही,  लड्डू भी भेजे जाते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.

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