नई दिल्लीः Kharmas 2024: खरमास को हिंदू धर्म में शुभ नहीं माना जाता है. सूर्य देव के धनु और मीन राशि में प्रवेश करने के दौरान खरमास लगता है. सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक रहते हैं. साल में दो बार खरमास आता है. सूर्य साल में दो बार बृहस्पति की राशियों में एक-एक महीने के लिए रहता है. इनमें 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक धनु और 15 मार्च से 15 अप्रैल तक मीन राशि में. खरमास दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.
सूर्य देव के एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है. धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं. मार्च महीने में सूर्य देव मीन राशि में गोचर करेंगे. इसके बाद एक महीने तक सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे. आइए जानते हैं, कब लगेगा खरमास? जानिए क्यों नहीं किए जाते मांगलिक कार्य:
कब से लगेगा खरमास?
मार्च महीने में 14 मार्च को सूर्य देव दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य देव के कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास शुरू होगा.
कब होगा खरमास समाप्त?
13 अप्रैल को सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा.
खरमास में क्यों नहीं किए जाते मांगलिक कार्य?
ऐसी मान्यता है कि सूर्य जब गुरु की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो वह अपने गुरु की सेवा में लग जाते हैं. इस दौरान उनका प्रभाव कम हो जाता है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. खरमास की अवधि को शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है. इसमें मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, शादी से जुड़े समस्त कार्यों पर विराम लग जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)