गृह प्रवेश करने के बाद क्यों उबालना चाहिए दूध? जानिए इसका महत्व

Griha pravesh: गृहप्रवेश पूजा समारोह एक हिंदू पूजा समारोह है जो पहली बार नए घर में जाने पर घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि उस घर में प्रवेश करने के बाद परिवार के सदस्यों की परेशानियां कम हो जाती हैं.

Written by - Shruti Kumari | Last Updated : Feb 26, 2024, 11:13 AM IST
  • खीर को भगवान को भोग लगाएं
  • नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है
गृह प्रवेश करने के बाद क्यों उबालना चाहिए दूध? जानिए इसका महत्व

नई दिल्लीः Griha pravesh: नया घर हर किसी का सपना होता है. वे चाहते हैं कि उनका अपना घर हो, चाहे बड़ा हो या छोटा. ये अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही अपने घर की व्यवस्था करते हैं. लेकिन अपने सपनों के घर में कदम रखना कई गृहस्वामियों के लिए एक विशेष अनुभव होता है. यह हर किसी के जीवन में एक नई शुरुआत का प्रतीक है. घर खरीदने या नए घर में गृह प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण तारीख चुनते हैं. इसका विशेष ख्याल रखा जाता है. घर में प्रवेश करने से पहले गृह प्रवेश पूजा की जाती है. गृह प्रवेश एक हिंदू संस्कार है. यहां पूजा शुभ समय पर की जाती है जब कोई व्यक्ति पहली बार नए घर में जाता है. आइए जानते हैं गृह प्रवेश का महत्व के बारे में: 

गृह प्रवेश पूजा का महत्व
गृह प्रवेश पूजा समारोह एक हिंदू पूजा समारोह है जो पहली बार नए घर में जाने पर घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए किया जाता है. घर को नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाने के लिए. नए घर में प्रवेश करते समय. ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में नए घर में प्रवेश करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. ऐसा माना जाता है कि उस घर में प्रवेश करने के बाद परिवार के सदस्यों की परेशानियां कम हो जाती हैं.

देवी-देवताओं को अर्पित करें दूध 
धार्मिक मान्यता है कि नए घर की रसोई में महिलाओं को घर गर्म करते समय नए बर्तन में दूध उबालना चाहिए. दूध को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. गृह प्रवेश के समय दूध उबालने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है. दूध उबालने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. दूध उबालकर देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.

गृह प्रवेश के बाद दूध उबालने की रस्म
गृह प्रवेश के दिन, घर की महिला को नए रसोईघर में जाकर नए बर्तन में दूध डालकर सर्वप्रथम गैस की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद दूध उबलने के लिए रखना होता है. दूध उबलने के बाद, उसमें चावल और चीनी मिलाकर खीर बनाई जाती है. इस खीर को भगवान को भोग लगाया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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