नई दिल्लीः Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी के दिन निर्जला व्रत का विशेष महत्व है. देवशयनी एकादशी के दिन अगर आप निर्जला व्रत ना रख सकें तो कोशिश करें कि एक वक्त फलाहार कर सकें. घर में धन-धान्य तथा लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का केसर मिले जल से अभिषेक करें. इससे आपके घर को हर प्रकार की परेशानी से मुक्ति मिलेगी और स्थायी लक्ष्मी का वास होगा.
देवशयनी एकादशी पर करें इस मंत्र का जाप
सुबह-सुबह घर की साफ-सफाई के पश्चात मुख्य द्वार पर हल्दी का जल या गंगाजल का छिड़काव करें. “ओम नमो नारायणाय” या “ ओम नमो भगवते वसुदेवाय नमः” का 108 बार या एक तुलसी की माला जाप करें. एकादशी की शाम में तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और “नमो भगवते वसुदेवाय नम” का जाप करते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें. इससे घर के सभी संकट और आने वाली परेशानियां टल जाती हैं.
पीले फूलों से करें भगवान विष्णु की पूजा
इस दिन भगवान विष्णु की पीले फूलों से पूजा करें और खीर में तुलसी मिलाकर भोग लगाएं. पीले रंग के फल, कपड़े और अनाज भी चढ़ाएं और बाद में गरीबों को दान कर दें.
पीपल को दें जल
इस दिन पीपल में जल अवश्य दें. इससे आपको हर प्रकार के कर्ज से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन सुहागन स्त्रियों को फलाहार कराकर सुहाग की समग्री भेंट करना धन-समृद्धि तथा खुशियां लाता है. ऐसा ना कर पाने पर कम से कम अपने घर की स्त्री को कोई भी सुहाग का चिह्न भेंट करें.
श्रीमद्भगवत कथा का पाठ
देवशयनी एकादशी के दिन श्रीमद्भगवत कथा का पाठ करें या सुनें. इसके अलावा चतुर्मास के सभी महीनों में, विशेषकर गुरुवार के दिन “ नमो भगवते वसुदेवाय नम” का जाप करें तथा भगवान विष्णु के सभी नामों का स्मरण करें.
दक्षिणावर्ती शंख की पूजा
देवशयनी एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करने से अक्समात धन की प्राप्ति होती है. इस प्रकार आया धन हमेशा फलीभूत होता है.
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