PM MODI In Kalki Dham: कल्कि धाम मंदिर शिलान्यास पीएम मोदी के हाथों हुआ. उन्होंने इस कार्यक्रम की शुरुआत कैलादेवी के बूढ़े बाबा के जयकारे से की. जानें कौन हैं बूढ़ें बाबा.....
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संभल/नील सिंह: संभल जिले में 19 फरवरी को कल्कि नारायण मंदिर के शिलान्यास समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में संभल जिले के लोगो की आस्था का केंद्र बूढ़े बाबा का जिक्र किए जाने के बाद संभल जिले के असमोली गांव का बूढ़े वावा का तालाब चर्चा में है , पी एम के संबोधन में बूढ़े वावा का जिक्र किए जाने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु असमोली बूढ़े बाबा के तालाब पर पर पहुंच रहे है , गांव में मेले जैसे माहोल है , मान्यता है की बूढ़े बाबा के तालाब में स्नान करने से चर्म रोगों से निजात मिल जाती है.
19 फरवरी को संभल जिले में कल्कि नारायण मंदिर के शिलान्यास समारोह में पहुंचे पी एम मोदी ने मां कैला देवी और बूढ़े बाबा की जय के संबोधन से अपने भाषण की शुरूआत की थी. संभल जनपद के असमोली विकास खंड में बूढ़े बाबा का तालाब क्षेत्र के लोगों की अटूट आस्था का केंद्र है. मान्यता है कि बूढ़े बाबा के इस तालाब में स्नान करने से चर्म रोगों से निजात मिल जाती है इसी मान्यता के चलते बूढ़े बाबा के इस तालाब पर हर वर्ष विशाल मेला भी लगता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते है.
लोगों की अटूट आस्था का केंद्र बूढ़े बाबा का यह तालाब 19 फरवरी को एंचोडा कम्बोह में श्री कल्कि नारायण मंदिर के शिलान्यास के लिए पहुंचे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शिलान्यास समारोह में अपने भाषण की शुरुआत मां केला देवी के साथ ही बूढ़े बाबा की जय के संबोधन से किए जाने के बाद संभल जनपद के असमोली गांव का बूढ़े बाबा का यह तालाब चर्चा में आ गया है.
पीएम मोदी के अपने संबोधन में बूढ़े बाबा के तालाब का जिक्र किए जाने के बाद बड़ी संख्या में लोग असमोली गांव में बूढ़े बाबा के इस तालाब को देखने के लिए पहुंच रहे हैं . गांव में मेले जैसे माहोल बना हुआ है. मान्यता है की असमोली गांव में स्थित बूढ़े बाबा के इस तालाब में स्नान और पूजा पाठ करने से चर्म रोगों से निजात मिल जाती है. आसपास की कई जनपदों और दूर दराज से बड़ी संख्या मैं चर्म रोगों से पीड़ित बूढ़े बाबा के इस तालाब पर चर्म रोगों से मुक्ति की कामना से पहुंचते हैं. चर्म रोगों से मुक्ति के लिए चर्म रोग पीड़ित इस तालाब में स्नान करने के बाद तालाब की परिक्रमा करने के बाद तालाब में सात प्रकार के अनाज अर्पित करते हैं.
हैरान करने वाली बात यह है की बूढ़े बाबा के इस तालाब में आसपास के कई गांव का गंदा पानी इस तालाब में गिरता है , यही नहीं तालाब के आसपास भी गंदगी और कूड़े करकट के ढेर लगे रहते हैं लेकिन इसके बावजूद चर्म रोग पीड़ित आस्था के साथ स्तर में स्नान करते हैं , मान्यता यह भी है की तालाब में गंदगी और कूड़े करकट को देखकर घृणा करने से चर्म रोग और अधिक बढ़ जाते हैं , फिलहाल पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा बूढ़े बाबा के इस तालाब का जिक्र अपने संबोधन में किए जाने के बाद असमोली गांव में स्थित बूढ़े बाबा के इस तालाब पर पहुंचने वाले लोगों की संख्या में अचानक इजाफा हो गया है.