चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है. इसी के साथ हिन्दू नववर्ष की भी शुरूआत हो रही है.
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इस दिनों देवी मंदिरो में जमकर भीड़ होती है.
सुरकंडा देवी का मंदिर टिहरी के जौनुपर पट्टी में सुरकुट पर्वत पर स्थित है.
मां के दरबार से बद्रीनाथ, केदारनाथ, तुंगनाथ, चौखंबा, गौरीशंकर, नीलकंठ आदि सहित कई पर्वत श्रृखलाएं दिखाई देती हैं.
पैराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर माता सती का सिर गिरा था.
माता सुरकंडा देवी का मंदिर 51 शक्ति पीठ में से एक है.
इस मंदिर में माता काली की कई साल पुरानी मूर्ती स्थापित है.
इस मंदिर में प्रसाद के रूप में लड्डू, पेड़ा नहीं बल्कि रौंसली की पत्तियां दी जाती हैं.
असल में रौंसली की पत्तियां एक औसधि है. ये पत्तियां औषधीय गुणों भी भरपूर होती हैं
गंगा दशहरा और नवरात्र दो ऐसे पर्व है जब इस मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते है.