जया किशोरी देश-विदेश में अपनी कथाओं और भजनों के लिए जानी जाती हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किशोरी जी ने नौ साल की उम्र से ही भगवान में ध्यान लगाना शुरू कर दिया था.
जया किशोरी तब से ही देश-विदेश में ‘श्रीमद्भागवत कथा’ और 'श्रीराम कथा'कर रही हैं.
मोटिवेशनल स्पीकर और कथावाचक जया किशोरी ने काफी कम उम्र में बड़ी उपलब्धि और शोहरत हासिल कर ली है. आज वह किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं.
युवाओं के साथ ही वह बड़ी उम्र के लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय हैं. उनके कथावाचन को सुनने के लिए बड़ी तादाद में लोग जुटते हैं, जो उनकी प्रसिद्धि की कहानी बयान करती है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जया किशोरी ने पंडित गोविंदराम मिश्र से दीक्षा ली है. पंडित गोविंदराम मिश्र ही उनके आध्यात्मिक गुरु हैं.
जया किशोरी के मन में बचपन से ही भगवान श्री कृष्ण के प्रति बेहद प्रेम रहा है. इसी प्रेम को देखते हुए उनके गुरु गोविंदराम जी ने उनका नाम जया किशोरी रख दिया.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि किशोरी राधा रानी का एक नाम है. भगवान श्रीकृष्ण से राधा जैसा प्रेम करने की वजह से इनके गुरु ने इन्हें ये नाम दिया था.
जया किशोरी खुद को साध्वी नहीं आम लड़की कहती हैं. ज्यादातार कथा वाचक अपने आपको साधु-संत या साध्वी बताते हैं.
लेकिन जया किशोरी ने हमेशा कहती रही हैं कि वो कोई साध्वी नहीं है, बल्कि एक आम लड़की हैं.