अयोध्या में विराजमान रामलला की यह पहली होली है. कचनार के फूलों से बने गुलाल से रामलला पहली होली खेलेंगे. सीएसआईआर-एनबीआरआई के वैज्ञानिकों ने कचनार के फूलों से खास गुलाल तैयार किया है. साथ ही वैज्ञानिकों ने गोरखनाथ मंदिर के चढ़ाए हुए फूलों से भी एक हर्बल गुलाल तैयार किया है.
दरअसल, बुधवार को संस्थान के निदेशक ने दोनों खास गुलाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट किए.
सीएम योगी ने कहा कि यह निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के कई स्टार्ट-अप और उद्यमियों के लिए अधिक अवसर एवं रोजगार प्रदान करेगा.
वहीं, निदेशक डॉ. अजित कुमार शासनी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या में रामायणकालीन वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है.
विरासत को सम्मान और परंपरा के संरक्षण देने का यह प्रयास हमारे वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणास्पद है.
इस बार कचनार के फूलों से बने गुलाल से रामलला होली खेलेंगे.
कचनार को त्रेतायुग में अयोध्या का राज्य वृक्ष माना जाता था. इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा में औषधि के रूप में भी किया जाता है.
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल आदि गुण भी होते हैं.
गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में चढ़ाए हुए फूलों से हर्बल गुलाल को तैयार किया गया है.
इन हर्बल गुलाल का परीक्षण किया जा चुका है. यह मानव त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है.