होली के दिन लोग रंग-बिरगे रंगों से होली खेलते हैं. रंगों की होली से एक दिन पहले होलिका दहन होता है. इस साल होली का त्योहार 25 मार्च को और होलिका दहन 24 मार्च को है.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त देर रात 11:13 बजे से 12:27 बजे तक है. यानी होलिका दहन 1 घंटा 14 मिनट तक किया जा सकता है.
इस दौरान होलिका दहन के दिन घर की महिलाएं आसपास बनाई जाने वाली होलिका की विधि-विधान से पूजा करती हैं और बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेती हैं.
फिर इसके बाद रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है. होलिका दहन देखने के लिए महिलाएं, पुरुष व बच्चे सभी शामिल होते हैं. लेकिन कुछ लोगों को होलिका दहन देखने की मनाही होती है.
धर्म शास्त्रों में कुछ लोगों को जलती हुई होली देखना मना किया गया है. आइए जानते हैं किसको होलिका दहन नहीं देखना चाहिए
नवविवाहित लड़कियों के लिए होलिका की अग्नि देखने की मनाही होती है. धार्मिक ग्रंथों में कहा जाता है कि होलिका दहन की अग्नि को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है. यानी आप अपने पुराने साल के शरीर को जला रहे हैं.
इसलिए नवविवाहित महिलाओं को होलिका देखना मना होता है. इसे देखना शुभ नहीं माना जाता है, इससे उनके वैवाहिक जीवन में परेशानी ला सकती है.
शास्त्रों में गर्भवती महिलाओं को होलिका की परिक्रमा करना मना किया गया है. इन महिलाओं को होली की अग्नि नहीं देखनी चाहिए. ऐसा करना गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अच्छा नहीं माना जाता है.
नवजात बच्चों को भी होलिका देखने से मना किया जाता है. ऐसा कहते हैं कि इससे शिशु पर नकारात्मक असर पड़ सकता है.
जिन दंपत्ति के एक बच्चा होता है उन्हें भी अपनी संतान को होली की अग्नि दिखाने से बचना चाहिए. ये शुभ नहीं माना जाता है.
सास-बहू का एक साथ होलिका को देखना और एक साथ पूजा करने को बड़ा दोष माना गया है. ऐसा करने से रिश्तों में कड़वाहट आती है.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.