उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर क्रांति सी आ गई है. यूपी में कई एक्सप्रेस वे और सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है.
अब उत्तर प्रदेश का कानपुर-सागर नेशनल हाइवे ग्रीन हाइवे में बदल जाएगा. बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की तरह कानपुर के रमईपुर से महोबा के कबरई तक बनने वाले 112 किमी लंबे ग्रीन हाइवे की डीपीआर को जल्द ही पूरा करने का आदेश दिया है.
अब उत्तर प्रदेश में 112 किलोमीटर लंबा ग्रीन हाईवे बनाया जाएगा. यह ग्रीन रोड 96 गांवों (कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा) से गुजरेगा. इसके बनने के बाद इन गांवों की तस्वीर ही बदल जाएगी.
यह ग्रीन हाइवे कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा के 96 गांवों के पास से गुजरेगा. यह ग्रीन हाइवे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की तरह बनेगा.
कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतरण कानपुर से कबरई के मध्य बनने वाला 112 किमी लंबा ग्रीन हाईवे हमीरपुर के पत्योरा डांडा, देवगांव, गहतौली, जलाला, पचखुरा बुजुर्ग, टेढ़ा, पंधरी, पारा रैपुरा, इटरा, चंदपुरवा बुजुर्ग, इंगोहटा आदि से गुजरेगा.
इसी तरह मौदहा तहसील के अरतरा, परछा, करहिया, छिमौली, मदारपुर, अकौना, रीवन, रतवा आदि से होकर गुजरेगा. जबकि महोबा के खन्ना, बन्हिगा, बरवई,चिचारा, गौहारी, कबरई आदि मौजे से निकलेगा.
इसके बनने से कानपुर से सीधे मुंबई पहुंचने का आसान रास्ता मिल जाएगा. कानपुर सागर मार्ग में यातायात का लोड भी कम होगा. भारी वाहनों की आवाजाही कम होने से दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी. मौजूदा समय में यह मार्ग कबरई से कानपुर तक खूनी हाईवे के रूप में जाना जाता है. इसमें प्रतिदिन सड़क घटनाएं होती हैं.
कानपुर-सागर नेशनल हाइवे में बनने से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु आने-जाने वाले भारी वाहनों चालकों को सीधा मार्ग सुलभ हो जाएगा.
ग्रीन हाइवे के बन जाने से इन सभी ट्रकों का इस मार्ग से आना-जाना बंद हो जाएगा. यह सीधे ग्रीन हाईवे से कानपुर, लखनऊ, बलिया, बहराइच आदि जगहों को चले जाएंगे.साथ ही आए दिन लगने वाले जाम से भी अब मुक्ति मिलेगी.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.