अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने शिकागो में हुई एक कांफ्रेंस के जरिए इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़े कुछ चौकाने वाली रिसर्च पेश की जिसमें उन्होनें इस व्रत को न करने की सलह दी.
8 घंटे खाना और 16 घंटे उपवास करना आपकी जान ले सकता है. इसमें दिल से जुड़ी बीमारी हो सकती है. जो आपकी जान की दुश्मन बन सकती है.
स्टडी में देखा गया कि शुरूवात में यह फास्टिंग करने से वज़न तो घटता है. लेकिन लंबे समय तक इसको करने बाद इसके नतीजे काफी हानीकारक आ सकते हैं.रिसर्च के मुताबिक कैंसर के मरीजों में इसका खतरा अन्य की तुलना में और भी ज्यादा है.
पहला तकीका- टाइम रिस्ट्रिक्टिड डायट – इस तरीके में आमतौर पर 8 घंटे तक आप खा सकते हैं फिर 16 घंटे कुछ नहीं खा सकते. दूसरा तकीका दूसरा तरीका है हर दूसरे दिन 24 घंटे का उपवास – पूरी तरह खाने से ब्रेक. तीसरा तरीका है हफ्ते में दो दिन व्रत. इस दौरान पानी, नारियल पानी, नींबू पानी जैसी चीजें ले सकते हैं.
यह स्टडी 20000 लोगों के डाटा के आधार पर की गई जिसमें आधी महिलाएं एंव आधे पुरूष शामिल थे.
2003 से 2018 के बीच किए गए National Health and Nutrition Examination Survey में शामिल लोगों की खाने की आदतों का सर्वे किया गया था जिसे अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने आधार बनाया.
स्टडी में लोगों से एक Questionnaire भरने को कहा गया – सवाल इस पर आधारित थे कि पिछले दो दिनों में उन्होंने क्या क्या खाया . इसके अलावा 2003 से 2019 के बीच अमेरिका में हुई मौतों के डाटा का आंकलन किया गया था.
डायबिटीज़ के मरीज – दिल के मरीज, कैंसर के मरीज, कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की फास्टिंग की सलाह नहीं दी जाती. हालांकि intermittent fasting से नुकसान की आशंका जता रही नई रिसर्च फिलहाल सवालों के घेरे में है और एक्सपर्टस ने किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले डिटेल स्टडी की जरुरत बताई है.
न्यूट्रीशनिस्ट इशी खोसला के मुताबिक. किसी भी तरह के व्रत से फायदा होगा या नुकसान इसके लिए कुछ बातें अहम होती हैं. आपकी उम्र क्या है – बच्चों और बुजुर्गों को व्रत से फायदा नहीं होता. आपको विरासत में क्या शरीर मिला है यानी आपका जेनेटिक मेकअप कैसा है. और व्रत के बाद आपने क्या खाया है.
डॉ अशोक सेठ- हमारे शरीर को एनर्जी चाहिए जो ग्लूकोज से मिलती है. ग्लूकोज़ खाना खाने से बनता है। खाना खाने के बाद पाचन तंत्र खाना पचाने में लग जाता है और ग्लूकोज़ बनाता है. लेकिन व्रत करते समय यही पाचन तंत्र रिपेयर का काम करता है. शरीर में स्टोर फैट को तोडकर एनर्जी में बदलता है जिससे वजन कंट्रोल होता है. इस दौरान शरीर detox भी करता है .फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल के चैयरमैन और कार्डियोल़ॉजिस्ट डॉअशोक सेठ के मुताबिक अगर डायबिटीज़ के मरीज दिल के मरीज या कमजोर इम्युनिटी वाले मरीज व्रत करने लगें तो उन्हें नुकसान हो सकता है.