घर को नर्क बना देता है ऐसी संतान, समाज में खत्म हो जाता है मान-सम्मान

Shailjakant Mishra
Apr 01, 2024

आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक भी थे. नीति शास्त्र में उनकी बताई हुई बातें सफलता के लिए कारगर मानी जाती हैं.

सफलता में मदद

उनके बताए सिद्धांतों को अपनाकर सफतला के नए मुकाम हासिल कर सकता है.

चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में संतान को लेकर कुछ बातें बताई हैं.

बर्बाद या रोशन कर सकती है संतान

चाणक्य ने बताया है कि कैसे एक संतान कुल के नाम को रोशन कर सकती है और बर्बाद भी कर सकती है.

अवगुणी संतान

आचार्य चाणक्य ने श्लोक में अवगुणी संतान के बारे में बताया है.

श्लोक

एकेन शुष्कवृक्षेण दह्यमानेन वह्निना। दह्यते तद्वनं सर्वं कुपुत्रेण कुलं तथा।।

चाणक्य ने ऐसे संतान की तुलना जंगल के उस सूखे पेड़ से ही जिसमें आग लगने पर वह पूरे जंगल को जला कर राख कर देता है. ठीक इसी प्रकार एक अवगुणी संतान पूरे कुल के मान-सम्मान को खत्म कर देता है.

श्लोक

एकेनाऽपि सुपुत्रेण विद्यायुक्तेन साधुना। आह्लादितं कुलं सर्वं यथा चन्द्रेण शर्वरी।। आचार्य चाणक्य के अनुसार कई अयोग्य संतान से एक योग्य संतान का होना ज्यादा बेहतर होता है. वो कुल का मान-सम्मान भी बढ़ाता है. ठीक उसी तरह जैसे काली अंधेरी रात में चांद अंधरे को दूर करने के लिए काफी होता है.

Disclaimer

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE MEDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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