ये नए मिजाज का शहर है, ज़रा फ़ासले से मिला करो, बशीर बद्र के 10 दिल छू लेने वाले शेर

Sumit Tiwari
Mar 31, 2024

1.

कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें उदास होने का कोई सबब नहीं होता

2.

घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला

3.

ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है

4.

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला

5.

कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो

6.

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में

7.

घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला

8.

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा

9.

आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है बेवफ़ाई कभी कभी करना

10.

ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है रहे सामने और दिखाई न दे

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