'जब किसी आदमी को इतना मजबूर कर दिया जाए कि उसे अंजाम की परवाह न रहे, ऐसे ही लोग आगे चलकर बाहुबली बनते हैं.' यही लाइनें विद्युत जामवाल की फिल्म खुदा हाफिज 2 की कहानी बयां करती हैं. फिल्म की कहानी कैसी होगी, इसकी झलक निर्माताओं ने ठीक एक महीने पहले जारी किए ट्रेलर में दिखा भी दी थी, और ट्रेलर की शुरुआत भी इसी डायलॉग से हुई थी. खुदा हाफिज 2 साल 2020 मे ओटीटी पर रिलीज हुई खुदा हाफिज का सीक्वल है. इसका निर्देशन और लेखन भी फारूख कबीर ने किया है. मतलब कहानी को आगे बढ़ाने वाले लेखक और निर्देशक वहीं है जो पहले थे. चैप्टर वन में विद्युत जामवाल यानी समीर चौधरी अपने पत्नी को महिला तस्करों की कैद से निकाल कर लाते हैं. खूब खून खराबा होता है. वो पत्नी को बचाकर अपने वतन ले आते हैं. पत्नी के तन पर लगे घाव तो कुछ दिनों में भर जाते हैं लेकिन मन के घाव नहीं भरते.