देहरादून स्थित आईएमए से 11 जून को 288 युवा अफसर देश की सेना की मुख्यधारा में जुड़ गए हैं. इसके अलावा आठ अलग-अलग मित्र देशों के 89 कैडेट्स भी पासिंग आउट परेड का हिस्सा बने. दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली. उत्तरप्रदेश के 50 कैडेट्स और उत्तराखंड के 33 कैडेट्स अफसर बने. विदेशी कैडेट्स की बात की जाए तो अफगानिस्तान के सबसे ज्यादा 43 कैडेट्स पासआउट हुए हैं. अब आपको बताते हैं कि पासिंग आउट परेड होती क्या है. अक्सर आपने देखा होगा और हो सकता है कि आपने इस बात का अनुभव भी लिया हो कि जब विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्र अपनी डिग्री पूरी कर लेते हैं तो उन्हें एक सेरेमनी में डिग्री दी जाती है. ठीक उसी तरह से सेना में NDA,CDS द्वारा चयनित उम्मीदवार यानी जेनटलमैन कैडेट्स जब अपनी डिग्री और ट्रेनिंग पूरी कर लेते हैं तो उन्हें उनके पद के मुताबिक नियुक्त करने से पहले एक परेड करवाई जाती है, इसी परेड को पासिंग आउट परेड कहते हैं