फटे और मैले कुचले कपड़े, पकी हुई बेतरतीब दाड़ी, भीख मांग कर गुजारा करने वाले ऐसे लोग भारत के किसी भी कोने में देखे जा सकते हैं. ऐसी दयनीय हालत देख लोग इन्हें दो चार रुपये या फिर, दस बीस रुपये भी दे देते हैं, लेकिन एटा की सड़कों पर घूमने वाले इस भिखारी की असलियत जब सामने आई तो लोग दंग रहे गए, एटा की सड़कों पर जहां तहां खड़ा दिखने वाला यह भिखारी गुजरात का रिटायर्ड बैंक मैनेजर निकला, जो मानसिक रूप से बीमार है. इसके बाद गुजरात में इसके परिजनों को इसकी सूचना दी गई और अब जल्द ही ये रिटायर्ड बैंक मैनेजर दिनेश पटेल अपने परिवार के साथ होंगे.