Prayagraj Mahakumbh 2024: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में 2025 में होने वाले महाकुंभ (Mahakumbh) को लेकर के राज्य पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं... पर्यटन विभाग इसके लिए एक टेंट सिटी बनाने जा रहा है, जो 2000 बेड की होगी...इसके अलावा...
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Prayagraj Mahakumbh 2024: संगम के पावन तट पर दुनिया का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ-2025 (Mahakumbh 2024) लगना है. संगमनगरी प्रयागराज में संगम तट पर महाकुंभ 2025 की तैयारियां शुरु हो गई हैं. महाकुंभ को बसाने की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है. 2025 में पहले की तुलना में और ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. पर्यटन विभाग देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को व्यवस्थित तरीके से स्नान, ध्यान के साथ-साथ ठहरने का भी इंतजाम कर रहा है.
बसाई जाएगी तंबुओं की लोक लुभावन नगरी
फाफामऊ से अरैल के बीच करीब 4800 हेक्टेयर में तंबुओं की नगरी बसाई जाएगी. यह क्षेत्रफल पिछले कुंभ की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा है. 16 अगस्त को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में शीर्ष समिति की बैठक में अस्थायी कार्यों का प्रस्ताव रखा गया. अरैल क्षेत्र में 100 हेक्टेयर में टेंट सिटी सजाने की तैयारियां तेज हो गई हैं. इसमें करीब 60 दिनों तक 2000 बेड की व्यवस्था रहेगी. दूर-दराज से आने वाले लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या ठहरने की होती है. पिछले दिनों आनलाइन आवास सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के साथ एमओयू हुआ. पर्यटन निगम की ओर से संगम तट पर टेंट कालोनी भी बसाई जाएगी.
संगम की रेती पर महाकुंभ
संगम की रेती पर 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में महाकुंभ बसाया जाएगा. करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन के आधार पर महाकुंभ का रोडमैप तैयार कर लिया गया है. महाकुंभ नगरी बसाने के लिए टिन टेंटेज से लेकर गंगा पर बनने वाले पांटून पुलों तक का खाका तैयार किया गया है. बता दें कि शनिवार को मंडलायुक्त कार्यालय के गांधी सभागार में महाकुंभ को दिव्य-भव्य बनाने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की गई.
2000 बेड की टेंट सिटी
पर्यटन विभाग का अनुमान है कि इस बार 2019 के मुकाबले और अधिक श्रद्धालु आने वाले हैं, इसीलिए वहां 2000 बेड की टेंट सिटी बनाई जाएगी. श्रद्धालुओं को अत्यधिक सुविधाएं मिलेंगी. पर्यटन विभाग के मुताबिक आगामी 2025 में हो रहे महाकुंभ में और बेहतर सुविधाएं लोगों को दी जाएं. महाकुंभ में लोगों के रुकने का इंतजाम करने के लिए कुंभ मेला प्राधिकरण पर्यटन विभाग को अरैल क्षेत्र में 100 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराएगी.
महाकुंभ-2025 की कार्य योजना
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने सबसे पहले कुंभ -2019 के अनुभवों को शेयर किया. महाकुंभ के पुराने अनुभवों के आधार पर महाकुंभ-2025 की उन्होंने कार्य योजना सामने रखी. पार्किंग एरिया को 1200 हेक्टेयर से बढ़ाकर 1800 हेक्टेयर करने का प्रस्ताव दिया गया. साल 2025 में होने वाले महाकुंभ में पिछले कुंभ से डेढ़ गुना अधिक भीड़ के आने का अनुमान है, जिसके हिसाब से मेला क्षेत्र के विस्तार का खाका प्रस्तुत किया गया.
676 कैमरे से रहेगी नजर
इस बार महाकुंभ बसाने के लिए 4000 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित की गई है. पिछली बार कुंभ 3200 हेक्टेयर में बसाया गया था. भीड़ प्रबंधन के लिए इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सिस्टम (आईट्रिपलसी) के कार्यों में भी विस्तार का प्रस्ताव किया गया है. इस प्रस्ताव में अस्थायी सर्विलांस सिस्टम के तहत मेला क्षेत्र में 676 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. 12 एएनपीआर कैमरे भी लगाए जाएंगे. इसके साथ ही आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उत्कृष्ट भीड़ प्रबंधन प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा.
120 अस्थाई पार्किंग
पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम के तहत 120 अस्थाई पार्किंग स्थलों को विकसित किया जा रहा है. इन पार्किंग स्थलों पर करीब 720 सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाएंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित वाहनों को गिनने की प्रणाली की व्यवस्था भी होगी. प्रमुख स्थलों पर रूट मैप लगाने का सुझाव भी दिया गया है. फायर सेफ्टी के नोडल चीफ फायर ऑफिसर ने बड़े टेंट की थ्रीडी मॉडलिंग कराते हुए आग लगने की दशा में बचाव के तरीकों की जानकारी दी. ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी. पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने सुगम यातायात के लिए अनुभवी अफसरों से मार्गदर्शन लेने और डॉयल 112 का इंटीग्रेशन मेला कंट्रोल रूम से कराने का सुझाव दिया. महाकुंभ मेला क्षेत्र में 40 जगहों पर वीएमडी स्क्रीन लगाई जाएंगी. खासकर से पार्किंग एरिया में इस स्क्रीन पर इमेज और वीडियो मैसेज प्रसारित किए जाते रहेंगे.
एक हजार शटल बसें
महाकुंभ के दौरान देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए करीब 1,000 शटल बसें चलाई जाएंगी. इसके साथ ही इस बार 1300 से बढ़ाकर 2000 डीलक्स और महाराजा कॉटेज क्षमता की टेंट सिटी विकसित करने का लक्ष्य है.
बस स्टेशन और रेलवे स्टेशनों पर 126 CCTV कैमरे
बस स्टेशन और रेलवे स्टेशनों पर 126 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इसके साथ ही कॉल सेंटर की क्षमता को 20 से बढ़ाकर 40 किया जाएगा. मेला क्षेत्र का गूगल मैप से इंटीग्रेशन किया जाएगा.
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