Uttarakhand Waqf Board President on Piran Kaliyar: शादाब शम्स के बेतुके बयान पर मौलानाओं ने भी नाराजगी जताई है. मौलानाओं समेत ओवैसी की पार्टी AIMIM के कार्यकर्ताओं का भी कहना है कि शादाब शम्स को माफी मांगनी चाहिए. जानिए क्या है वह बयान, जिसपर मचा बवाल...
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Piran Kaliyar Haridwar: उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित साबिर पाक दरगाह पिरान कलियर को लेकर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने एक बेतुका बयान जारी किया है. पिरान कलियर दरगाह को लेकर वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स का कहना है कि यह दरगाह लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है. हालांकि, इस आस्था पर कुछ लोग बट्टा लगाने का काम कर रहे हैं. शादाब शम्स का कहना है कि यहां पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और देह व्यापार जैसी वारदातें हो रही हैं. इसको लेकर सरकार बड़ा एक्शन भी ले रही है. वहीं, शम्स ने यह भी कहा कि पिरान कलियर में मानव तस्करी के साथ ही ड्रग्स रैकट भी चरम पर है.
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शादाब शम्स के बयान को लेकर दिखने लगी नाराजगी
ऐसे में अब उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने अपनी ही सरका को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. पिरान कलियर दरगाह में केवल देश ही नहीं, बल्कि दुनिया से जायरीन आते हैं. ऐसे में शादाब शम्स के बयान को लेकर विवाद होना भी शुरू हो गया है. वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के पिरान कलियर के खिलाफ बयानबाजी को लेकर नाराजगी भी सामने आने लगी है.
AIMIM ने किया शादाब शम्स के बयान का विरोध
इतना ही नहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष नय्यर काजमी ने शादाब शम्स का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि इस तरीके बयान शम्स की बचकानी हरकतों को दर्शाते हैं. वहीं, पिरान कलियर पाक सरजमी है. अगर एक व्यक्ति गलत काम करता है, तो इससे पूरी सरजमी को गलत नहीं ठहराया जा सकता. नय्यर काजमी का कहना है कि शादाब शम्स ने पूरी पिरान कलियर शरीफ को निशाना बनाया है. ऐसे में पार्टी उनका पुरजोर विरोध करती है और अब एआईएमआईएम की तरफ से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शिकायती पत्र भेजा जाएगा, क्योंकि शादाब शम्स के इस तरह के बयान से समुदाय को ठेस पहुंची है.
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मांफी नहीं मांगी, तो होगा आंदोलन
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स को पिरान कलियर सहित पूरे प्रदेश से माफी मांगनी होगा. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो सड़कों पर उग्र आंदोलन होगा.
मौलानाओं ने भी जताई नाराजगी
इतना ही नहीं, मौलाना भी शम्स के इस बयान की निंदा कर रहे हैं. मौलानाओं का कहना है कि पिरान कलियर शरीफ को अकीदत की निगाह से देखा जाता है. ऐसे में बीजेपी नेता यह बयान उनकी मानसिकता को दर्शा रहा है. उन्हें पब्लिक में माफी मांगनी ही होगी.
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर उठाए सवाल
पाक दरगाह पिरान कलियर को लेकर वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के बयान का कांग्रेस भी जवाब दे रही है. अब पार्टी ने बीजेपी की सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि अगर पिरान कलियर में ये सब हो रहा है, जो शादाब शम्स कह रहे हैं, तो फिर सरकार कर क्या रही है? धस्माना का कहना है कि किसी भी धार्मिर स्थल को लेकर दिया गया यह बयान गंभीर है.
पिरान कलियर दरगाह का इतिहास
उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित वर्ल्ड फेमस पिरान कलियर 13वीं शताब्दी के हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की पाक दरगाह है. रोजा-ए-मुबारक पर लोग अपनी बिगड़ी बनाने के लिए बड़ी संख्या में यहां आते हैं. हिन्दू, मुस्लिम, सिख हो या ईसाई, हर मजहब हर जाति के लोग दरबार-ए-साबरी में बड़ी आस्था और अक़ीदत से अपनी हाजरी पेश करते हैं. रुड़की शहर से करीब 7 किलोमीटर और हरिद्वार मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर पिरान कलियर बसा हुआ है.
ऐसे मिला 'साबिर' नाम
इस्लामिक इतिहास के अनुसार, सैकड़ों साल पहले साबिर पाक की वालिदा साबिर पाक को अपने भाई बाबा फरीद गंजे शकर रह के यहां तालीम हासिल करने के लिए छोड़ आई थी. उस समय साबिर साहब को अली अहमद के नाम से जाना जाता है. बाबा फरीद ने अली अहमद को लंगर तकसीम करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. 12 साल तक अली अहमद (साबिर) ने लोगों को लंगर बांटा और खुद कुछ नहीं खाया. 12 साल तक भूखा रहकर लंगर बांटने पर बाबा फरीद ने अली अहमद को साबिर के नाम से नवाजा, जिसके बाद अली अहमद साबिर को ख़िलाफ़तनामा देकर कलियर भेज दिया. बताया जाता है कि पाकिस्तान में बाबा फरीद की दरगाह पर वो हुजरा आज भी मौजूद है, जहां साबिर साहब इबादत किया करते थे. पिरान कलियर में आज भी यह लंगर बदस्तूर जारी है.
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