Uttarakhand Nikay Chunav: उत्तराखंड में निकाय चुनावों से पहले मेयर और अध्यक्ष पदों के आरक्षण पर 1000 से अधिक आपत्तियां दर्ज की गई हैं. आरक्षण को लेकर विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच तीखा विवाद हो गया है. आइए जानते हैं इसको लेकर विपक्ष ने क्या कहां?
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Uttarakhand Nikay Chunav News: निकाय चुनावों से पहले उत्तराखंड में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के मेयर व अध्यक्ष पदों के आरक्षण को लेकर आपत्तियों का अंबार लग गया है. अब तक शहरी विकास निदेशालय के पास करीब 1000 आपत्तियां दर्ज हो चुकी हैं. हरिद्वार जिले से सर्वाधिक 300 आपत्तियां आई हैं, जिसमें ढंडेरा नगर पंचायत ने रिकॉर्ड बनाया है.
आपत्तियों का सिलसिला
14 दिसंबर को आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद से आपत्तियां दर्ज कराई जा रही हैं. शनिवार, 21 दिसंबर, को आपत्तियां दर्ज कराने का अंतिम दिन है. नैनीताल जिले में अधिसूचना एक दिन देरी से जारी होने के कारण वहां के लिए 22 दिसंबर तक का समय दिया गया है.
हरिद्वार सबसे आगे
राज्य में हरिद्वार जिले की 14 नगर निकायों से सर्वाधिक आपत्तियां आई हैं. ढंडेरा नगर पंचायत सबसे अधिक चर्चा में है. अन्य जिलों में आपत्तियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है.
पक्ष-विपक्ष आमने-सामने
आरक्षण प्रक्रिया को लेकर विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच तीखा विवाद हो गया है. विपक्ष ने इसे मनमानी बताया, जबकि सत्तारूढ़ दल ने प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी करार दिया.
आपत्तियों का निस्तारण
शहरी विकास विभाग ने आपत्तियों का निस्तारण शुरू कर दिया है और 23 दिसंबर तक रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपने की तैयारी है. निस्तारण के बाद आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी होगी.
राजनीतिक माहौल गरमाया
आरक्षण को लेकर आपत्तियों ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है. बड़ी संख्या में आपत्तियां स्थानीय स्तर पर बढ़ती जागरूकता और असंतोष का संकेत देती हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि आरक्षण की अंतिम अधिसूचना चुनावी प्रक्रिया को किस दिशा में ले जाती है.
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