Harish Rawat का खड़ा किया संकट सुलझाने Rahul Gandhi लेंगे बैठक, डैमेज कंट्रोल करेंगे या बढ़ाएंगे तय नहीं?
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Harish Rawat का खड़ा किया संकट सुलझाने Rahul Gandhi लेंगे बैठक, डैमेज कंट्रोल करेंगे या बढ़ाएंगे तय नहीं?

Uttarakhand election से पहले हरीश रावत (harish rawat) के रुख से कांग्रेस पार्टी में सियासी हलचल मच गई है. उत्तराखंड कांग्रेस की यह रार अब दिल्ली में दूर की जाएगी. इस डैमेज कंट्रोल के लिए राहुल गांधी दिल्ली में बैठक करेंगे.

Harish Rawat का खड़ा किया संकट सुलझाने Rahul Gandhi लेंगे बैठक, डैमेज कंट्रोल करेंगे या बढ़ाएंगे तय नहीं?

देहरादून. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand election) की बेला नजदीक है और वहां कांग्रेस पार्टी में मची सियासी हलचल ने इस राज्य के पॉलिटिकल टेम्प्रेचर को हाई कर दिया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत (harish rawat) ने ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर पार्टी संगठन और हाईकमान दोनों को सवालों के घेरे में ले लिया है. 
उत्तराखंड कांग्रेस की यह रार अब दिल्ली में दूर की जाएगी. इस डैमेज कंट्रोल के लिए राहुल गांधी दिल्ली में बैठक करेंगे. इसमें हरीश रावत भी शामिल होंगे. पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता इस बावत दिल्ली जाएंगे. प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भी बैठक में बुलाया गया है. प्रीतम सिंह,  गणेश गोदियाल, यशपाल आर्य और अन्य नेता भी इसमें शामिल होंगे. कल हरीश रावत और गणेश गोदियाल दिल्ली पहुंचेंगे. प्रीतम सिंह आज निकल गए हैं.
उल्लेखनीय है कि बुधवार को उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर पार्टी से नाराजगी जताई थी.
इसमें हरीश रावत ने आरोप लगाया था कि चुनाव रूपी समुद्र को पार करना है और पार्टी हाथ-पैर बांधकर तैरने को कह रही है. हरीश रावत ने कांग्रेस के नेताओं द्वारा गुटबाजी करने की बात भी कही और आगामी 5 जनवरी को कोई बड़ा फैसला लेने की बात कह पार्टी को छोड़ने के संकेत दिए भी दिए हैं. 
उत्तराखंड के राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि हरीश रावत कई कारणों से नाराज हैं, इनमें टिकट बंटवारा, खुद को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया जाना, उत्तराखंड के प्रभारी देवेंद्र यादव और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से पटरी नहीं बैठना जैसे कारण प्रमुख हैं.
 हरदा की इस प्रेशर पॉलिटिक्स से कांग्रेस हाईकमान के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है कि अगर उन्होंने दवाब में आकर किसी एक चेहरे को सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया है तो राज्य में चुनाव से पहले गुटबाजी शुरू हो जाएगी. राहुल गांधी से बैठक में इस पर भी चर्चा हो सकती है. राहुल गांधी द्वारा मीटिंग लिए जाने की खबर सामने आने से सोशल मीडिया पर यह भी चर्चा चलने लगी है कि राहुल इस मीटिंग में इस समस्या का हल निकालेंगे या और ज्यादा समस्या खड़ी कर देंगे.

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