मां-बाप का कर्ज चुका रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे! नहीं ले पाए ड्रेस... लोन में कटे यूनिफॉर्म के पैसे
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मां-बाप का कर्ज चुका रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे! नहीं ले पाए ड्रेस... लोन में कटे यूनिफॉर्म के पैसे

Government School Dress Money: उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों को बच्चों को पहले सरकार की तरफ से फ्री ड्रेस मिलती थी. लेकिन, जबसे यूनिफॉर्म की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आने लगीं, तो सरकार ने फैसला लिया कि ड्रेस की जगह ड्रेस के पैसे भेजे जाएंगे. ये पैसे मां-बाप के खाते में आते ही कट गए. जानें क्यों...

मां-बाप का कर्ज चुका रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे! नहीं ले पाए ड्रेस... लोन में कटे यूनिफॉर्म के पैसे

UP Government School Uniform Money: प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के गरीबों को 10-10 हजार रुपये दिए गए थे, जो अब उनके बच्चों पर भारी पड़ रहे हैं. दरअसल, परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को योगी सरकार की तरफ से यूनिफॉर्म के लिए 1100 रुपये दिए गए, जो उनके माता-पिता के खाते में आए. लेकिन, यह रकम क्रेडिट होते ही कट गई. इस वजह से बच्चों को स्कूल ड्रेस नहीं मिल पा रही. कारण है कि यह रकम खातों में आते ही स्वनिधि लोन योजना के एनपीए लोन अकाउंट में ऑटोमेटिक सिस्टम से कट गई. अब सवाल यह उठता है कि बच्चों की यूनिफॉर्म कैसे सिलेगी? सरकारी स्कूल में ड्रेस न मिल पाने की एक बड़ी वजह यह सामने आई है. 

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दोनों सत्रों में सरकार ने भेजे यूनिफॉर्म के पैसे
गौरतलब है कि परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पहले मुफ्त ड्रेस मिलती थी. लेकिन, यूनिफॉर्म की क्वॉलिटी खराब होने की शिकायतें लगातार आ रही थीं. इस वजह से सरकार ने पिछले सत्र में ड्रेस के एवज में 1100 रुपये बच्चों के मां-बाप के खाते में भेजे. वहीं, दूसरे सत्र में भी 1200 रुपये भेजे गए. अब बड़ी खबर यह है कि बच्चों के परिजनों ने सुनिधि लोन की रकम नहीं चुकाई थी. ऐसे में उनके खाते में जैसे ही यूनिफॉर्म के पैसे पहुंचे, रकम कट गई. इससे बच्चों की ड्रेस के लिए पैसा बचा ही नहीं.

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अधिकारियों ने वजह जानने की कोशिश की, तब सामने आया मामला
कानपुर में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें खातों में ड्रेस के लिए भेजी गई रकम पहुंची लेकिन स्वनिधि योजना के तहत लिए गए लोन के चलते कट गई. यही वजह रही कि अभिभावकों के पास बच्चों को ड्रेस दिलवाने के लिए पैसा नहीं बचा. जानकारी के लिए बता दें कि कानपुर में लगभग 1.60 लाख बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ते हैं. अभी तक 83,000 बच्चों के खातों में ड्रेस का पैसा आ चुका है. अधिकारियों ने वजह जानने का प्रयास किया कि आखिर खाते में रकम आने के बाद भी बच्चे ड्रेस पहनकर क्यों नहीं आ रहे हैं, तब उन्हें इस बात की जानकारी हुई. मालूम हुआ कि जैसे ही खातों में रकम आई, वैसे ही ऑटो डेबिट के चलते कट गई. इस वजह से बच्चों की ड्रेस नहीं बन पाई है.

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करीब 64600 लोगों ने नहीं चुकाई है स्वनिधि योजना की रकम
बैंक ऑफ बड़ौदा के रिकॉर्ड के अनुसार, कानपुर में 69800 लोगों को पीएम स्वनिधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपए दिए गए थे. यानी बैंकों ने 69.80 करोड़ रुपये बांटे थे. अब बताया जा रहा है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा लोन एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) हो चुका है या होने की कगार पर है. अब स्वनिधि योजना के दूसरे चरण में लाभार्थियों को 20 हजार रुपये का लोन दिया जा रहा है. हालांकि, यह लोन सिर्फ उन्हें मिल रहा है, जिन्होंने पहले चरण के 10 हजार रुपये सरकार को वापस कर दिए हैं. जानकारी मिल रही है कि 20 हजार की रकम केवल 5200 लोगों को ही दी जा रही है. इससे जाहिर है कि 10 हजार रुपये न चुका पाने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है.

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