यूपी नगर निकाय चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एक तरफ राजनीतिक दल अपनी ताकत झोंक रहे हैं, तो वहीं दूसरे चरण के चुनाव के लिए कानपुर देहात में 11 नगर पंचायत और 2 नगरपालिका के प्रत्याशियों की सूची समाजवादी पार्टी ने जारी कर दी है.
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आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: यूपी नगर निकाय चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एक तरफ राजनीतिक दल अपनी ताकत झोंक रहे हैं, तो वहीं दूसरे चरण के चुनाव के लिए कानपुर देहात में 11 नगर पंचायत और 2 नगरपालिका के प्रत्याशियों की सूची समाजवादी पार्टी ने जारी कर दी है. वहीं, सपा के जिलाध्यक्ष का दावा है कि इस चुनाव में प्रत्याशियों की छवि और जिताऊ प्रत्याशियों पर दांव लगाया गया है. इससे समाजवादी पार्टी कई सीटों पर जीत हासिल करेगी. वहीं, बीजेपी से कानपुर देहात में सपा की प्रत्याशियों की जारी हुई सूची पर सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी नेता की मानें तो कानपुर देहात की दो नगर पंचायतों में खड़े किए गए 2 प्रत्याशियों के घर के सदस्य गंभीर आपराधिक मामलों में लिप्त हैं. खास बात ये है कि इस बयान के बाद सियासत गर्म हो गई हैं.
आपको बता दें कि दूसरे चरण के मतदान के लिए कानपुर देहात में समाजवादी पार्टी ने अपने 13 प्रत्याशियों की सूची जारी कर भले ही खुद को पहले स्थान पर दर्ज करा लिया हो, लेकिन बीजेपी लगातार सपा पर गंभीर आरोप लगा रही है. बीजेपी का कहना है कि समाजवादी पार्टी में अपराधियों का बोलबाला है. अपराधी इस पार्टी में सपा का संरक्षण लेते हैं, तो वहीं सपा लगातार बीजेपी पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती चली आ रही है. ऐसे में बीजेपी नेता ने कानपुर देहात से जारी की गई 13 प्रत्याशियों की सूची में 2 प्रत्याशियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
बीजेपी नेता ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने जिन प्रत्याशियों की सूची जारी की है, उसमें से कानपुर देहात के डेरापुर नगर पंचायत से वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष अंसार अली उर्फ गुड्डू फौजी और कानपुर देहात रूरा नगर पंचायत से पूर्व विधानसभा प्रत्याशी सपा से नीरज सिंह गौर की मां रमा देवी को सपा ने मैदान में उतारा है. एक तरफ गुड्डू फौजी की पत्नी फरहा बेगम नगर को पंचायत प्रत्याशी चुना गया है तो वहीं रमा देवी को भी समाजवादी पार्टी ने रूरा नगर पंचायत से प्रत्याशी बनाया है ऐसे में बीजेपी नेता का कहना है कि गुड्डू फौजी नगर पंचायत अध्यक्ष रहते हुए आपराधिक मामलों में लिप्त रहे हैं वर्ष 2020 में गुड्डू फौजी के द्वारा क्षेत्र में 307 की घटना को अंजाम दिया गया था क्षेत्र में बलवा हुआ था और 395 397 के साथ-साथ विस्फोटक अधिनियम के तहत गुड्डू फौजी पर मुकदमा दर्ज किया गया था.
वहीं, कानपुर देहात पुलिस ने साल 2020 में एनएसए की कार्रवाई की थी. तब गुड्डू को जेल भेजा गया था. रूरा नगर पंचायत की बात की जाए, तो समाजवादी पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व मंत्री राम स्वरूप सिंह गौर के पोते नीरज सिंह गौर पर भी शराब कांड के चलते मुकदमा दर्ज हुआ था. नकली शराब बनाने के आरोप में नीरज का नाम भी सामने आया था. इसमें कानपुर देहात में हुए शराब कांड में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. बीजेपी नेता ने साफ तौर पर कहा कि सपा अपने प्रत्याशियों को चुनने से पहले उनका आपराधिक इतिहास जरूर चेक करे. आरोप गंभीर हैं और मुकदमा कोर्ट में चल रहे हैं. नीरज सिंह को भले ही न्यायालय की तरफ से कुछ समय के बाद क्लीन चिट मिल गई थी, लेकिन गुड्डू फौजी पर अभी भी गंभीर धाराओं में मामला न्यायालय में चल रहा है.
इस मामले में कानपुर देहात के सपा जिलाध्यक्ष अरुण कुमार ने प्रत्याशियों को चुनने की प्रक्रिया को लेकर कहा, ''समाजवादी पार्टी उन प्रत्याशियों पर दांव लगा रही है, जो जिताऊ हो और समाज में उनकी छवि साफ हो. अरुण कुमार ने कहा कि वह किसी भी गुड्डू फौजी उर्फ गुड्डू बमबाज को नहीं जानते हैं और उन्होंने किसी भी ऐसे प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है दरअसल गुड्डू फौजी का नाम गुड्डू पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज था क्योंकि गुड्डू बंब आज के द्वारा साल 2020 में बम चलाए गए थे.
वहीं, जिलाध्यक्ष ने ये भी कहा कि अगर किसी प्रत्याशी को टिकट दिया जाता है. उसका कोई रिश्तेदार या करीबी आपराधिक है. इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है लेकिन सवाल गंभीर है, जहां एक समाजवादी पार्टी के नेता अपने प्रत्याशियों की साफ छवि के दावे कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी की तरफ से लगाए गए इस आरोप में कितनी सच्चाई है आप खुद इसका अंदाजा लगाइए. वो कहते हैं न राजनीति में सब कुछ जायज है. फिर चाहे अपराधी को टिकट दिया जाए या उनके रिश्तेदार को.