Prayagraj Junction: सार्वजनिक जगहों पर किसी भी धार्मिक क्रिया करने पर पूरी तरीके से पाबंदी है. बावजूद इसके प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक के वेटिंग रूम के अंदर बगैर किसी रोक टोक के बाकायदा तीन वक्त की नमाज सामूहिक रूप से अदा की गई है. वेटिंग रूम में तैनात जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने भी सामूहिक रूप से सार्वजनिक जगह पर नमाज पढ़ने से किसी को नहीं रोका.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: लखनऊ के लुलु मॉल के अंदर नमाज पढ़ने के बाद शुरू हुआ विवाद अभी थमा भी नहीं था कि प्रयागराज के प्लेटफार्म नंबर एक के वेटिंग रूम में भी सामूहिक नमाज अदा करने का मामला सामने आ गया है. महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन से उतारे गए नाबालिक बच्चों के साथ मौलाना ने जंक्शन के वेटिंग रूम में सामूहिक रूप से नमाज पढ़ाई है. वेटिंग रूम में मौलाना ने सामूहिक रूप से जमात के साथ नमाज पढ़ाई है. सामूहिक नमाज का वीडियो सामने आने के बाद सार्वजनिक जगह पर नमाज का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है.
जीआरपी और आरपीएफ के सामने पढ़ी गई नामाज
दरअसल सार्वजनिक जगहों पर किसी भी धार्मिक क्रिया करने पर पूरी तरीके से पाबंदी है. बावजूद इसके प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक के वेटिंग रूम के अंदर बगैर किसी रोक टोक के बाकायदा तीन वक्त की नमाज सामूहिक रूप से अदा की गई है. वेटिंग रूम में तैनात जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने भी सामूहिक रूप से सार्वजनिक जगह पर नमाज पढ़ने से किसी को नहीं रोका, जिसको लेकर सवाल भी खड़े हो रहें हैं.
महानंदा एक्सप्रेस से मजदूरी के लिए ले जाने की मिली थी सूचना
बिहार से नई दिल्ली जाने वाली महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन में नाबालिक बच्चों को बाल मजदूरी के लिए ले जाने की सूचना बचपन बचाओ आंदोलन चलाने वाली संस्था के जरिए जीआरपी प्रयागराज को दी गई थी. प्रयागराज पहुंचने पर महानंदा एक्सप्रेस में जनरल कोच से जीआरपी की टीम ने करीब 15 नाबालिक बच्चों व 6 अन्य को रेस्क्यू कर ट्रेन से उतार लिया. ट्रेन से उतारने के बाद सभी को प्लेटफार्म नंबर के वेटिंग रूम लाया गया, जहां पर सभी से बाल कल्याण समिति की तीम ने पूछताछ की.
बच्चों के साथ मौजूद गर्जियन के तौर पर मौलाना से भी पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान सभी ने बताया कि उनको फतेहपुर स्थित एक मदरसे में पढ़ाई के सिलसिले में ले जाया जा रहा है. हालांकि बाल कल्याण समिति के सदस्यों को इस बात की आशंका है कि बच्चों को बाल मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था. कुछ इसी तरीके की सूचना बचपन बचाओ आंदोलन नाम की संस्था ने भी की थी, जिसके आधार पर बाल कल्याण समिति ने सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन भेज दिया है. साथ ही उनके परिजनों को भी मामले की जानकारी दे दी गई है. बाल कल्याण समिति का कहना है कि परिजनों के आने के बाद बच्चों को उनकी सुपुर्दगी में सौंप दिया जाएगा. सभी बच्चे बिहार के खगड़िया और सहरसा जिले के रहने वाले हैं.
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