Kanpur News:जिला अस्पतालों से लापता मिले डॉक्टर, डिप्टी सीएम के फरमान का मजाक उड़ाते डॉक्टर की बेदर्दी से मरीज परेशान
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Kanpur News:जिला अस्पतालों से लापता मिले डॉक्टर, डिप्टी सीएम के फरमान का मजाक उड़ाते डॉक्टर की बेदर्दी से मरीज परेशान

Kanpur Dehat News : कानपुर देहात जिला अस्पताल में डॉक्टर अपनी ड्यूटी के समय भी नदारद रहते हैं. जी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड ने रियलिटी चेक में पाया कि अस्पताल में डॉक्टर ड्यूटी टाइम पर नहीं आते हैं. ये हाल तब है जब खुद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अस्पतालों में व्यवस्थाएं सुधारने के लिए सख्त निर्देश दिया है.

Kanpur News:जिला अस्पतालों से लापता मिले डॉक्टर, डिप्टी सीएम के फरमान का मजाक उड़ाते डॉक्टर की बेदर्दी से मरीज परेशान

आलोक त्रिपाठी/ कानपुर देहात : प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में इस समय डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है. स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हों, इसके लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने समय पर डॉक्टरों को अस्पताल में पहुंचने के निर्देश दिए हैं ताकि जो मरीज अस्पताल पहुंचते हैं उन्हें बेहतर उपचार मिल सके. इसकी जमीनी हकीकत परखने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक खुद अचौक निरीक्षण भी करते रहते हैं. शासन ने अस्पताल में डॉक्टरों के पहुंचने का समय 8 बजे निर्धारित किया है तो वहीं जब आज जी मिडिया ने 8:30 बजे कानपुर देहात के जिला अस्पताल का रियल्टी चेक किया तो मौके पर सभी डॉक्टर नदारद मिले. 

मौके पर सिर्फ जिला अस्पताल के सीएमएस मिले जिन्होंने भी डॉक्टर के नदारद होने के सवाल पर किनारा कर लिया. उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब उन्होंने देना जरूरी नहीं समझा. वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों की आस में जनपद के कोने-कोने से आए सैकड़ों मरीज जमीन पर बैठे नजर आए. लेकिन एक भी डॉक्टर आगर जिला अस्पताल में समय से पहुंचता तो उन मरीजों को कुछ तो उपचार मिल पाता. 

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जिला अस्पताल का निरीक्षण एसडीएम से लेकर डीएम अक्सर करते रहते हैं. उसके बाद यह हाल है. अब सोचने वाली बात है कि जब जिला मुख्यालय के पास बने जिला अस्पताल की यह हाल है तो जिले के कोने-कोने में बने सीएससी और पीएसी के हाल क्या होंगे. लेकिन जिले के स्वास्थ्य महकमें के जिम्मेदारों की लापरवाही और डॉक्टर का लापरवाह रवैया अब लोगों के लिए आफत बना हुआ है. राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं चलाती है. सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने के प्रयास भी होते हैं लेकिन डॉक्टर और जिम्मेदार अधिकारी अपनी जवाबदेही से कई बार भागते फिरते हैं. ऐसे में शासन को सख्त कार्रवाई करने की जरुरत है.

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