Wild Animal Hunting: शार्प शूटर ने बाघ की घेराबंदी कर आखिरकार उसे मार गिराया है. जानिए पूरा मामला...
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लखनऊ/बलुआ: आज आदमखोर टाइगर का अंत हो गया है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धना रघिया वन में नेपाल से ट्रेड हाथियों और एसटीएफ के शार्प शूटर ने बाघ की घेराबंदी कर आखिरकार उसे मार गिराया है. दरअसल, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोबर्धना रघिया वन क्षेत्र के बलुआ गांव में आज मां बेटे की मौत के बाद सरकारी आदेश पर मैन ईटर टाइगर को शूट किया गया है. इसके बाद चंपारण वासियों ने राहत भरी सांस ली है.
आपको बता दें कि वाल्मिकी टाइगर रिजर्व से निकलकर आसपास के गांवों के लिए यह आदमखोर टाइगर टेरर और आतंक का पर्याय बन चुका था. जो लगातार ग्रामीणों को अपना शिकार बना रहा था. जानकारी के मुताबिक आदमखोर बाघ ने अब तक 9 लोगों की जान ले चुका था. पहले इस बात को काबू करने का प्रयास किया गया. बावजूद इसके वह काबू में नहीं आया, जिसके बाद वन पर्यावरण विभाग की तरफ से बाघ को मारने का निर्देश दिया गया.
सरकारी आदेश के बाद नरभक्षी बाघ को मारने के लिए कॉम्बिंग की गई. इसके बाद तकरीबन 7 घंटे तक ऑपरेशन चलाया गया. जिसके बाद शनिवार को बिहार पुलिस के शूटरों ने इसे मार गिराया. खास बात यह है कि इस बाघ की तलाश हाथियों पर सवार होकर की जा रही थी. वहीं, बाघ के मारे जाने के बाद बगहा समेत आसपास के इलाके में आदमखोर बाघ के आतंक से लोगों को मुक्ति मिली.
आपको बता दें कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने कल शुक्रवार को टाइगर हंटिंग के लिए शूटर्स की टीम को टाइगर को मारने का निर्देश दिया था. इसके बाद वन विभाग और बगहा पुलिस ने संयुक्त रुप से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. जानकारी के मुताबिक बीते सितंबर से आदमखोर बाघ के आतंक का तांडव जारी था. यह बाघ वन विभाग के लिए भी चुनौती बना हुआ था. रेस्क्यू भी असफल हो रहा था. दूसरी तरफ आतंक बढ़ता जा रहा था. मामले की लिखित सूचना एनटीसीए को दी गई. जिसके बाद यह फंक्शन हुआ. जानकारी के मुताबिक मारा गया टाइगर बगहा क्षेत्र में 9 लोगों को शिकार बना चुका था. अब लोग इस आतंक के माहौल से आजाद हो गए हैं.
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