राम की नगरी में बंदरों का भी होगा घर, डॉक्टर करेंगे उपचार
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राम की नगरी में बंदरों का भी होगा घर, डॉक्टर करेंगे उपचार

ऐसी मान्यता है कि भगवान राम की लंका विजय में बंदरों की भी अहम भूमिका रही है. अयोध्या में भगवान राम भव्य मंदिर जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा. लेकिन खास बात यह है कि राम की नगरी में बंदरों के लिए भी घर बनने जा रहा है. इस घर में बंदरों को हर सुविधा मिलेगी. उनकी सुरक्षा के लिए सिक्यूरिटी और उपचार के लिए डॉक्टर भी तैनात होंगे.

राम की नगरी में बंदरों का भी होगा घर, डॉक्टर करेंगे उपचार

सत्यप्रकाश/अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में पाए जाने वाले बंदरों को भी अयोध्या में आशियाना मिलेगा. जल्द ही राम की नगरी में बंदरों के लिए एक अभ्यारण बनाया जाएगा. इसका 80 फीसदी स्वरूप तय कर लिया गया है. जल्द ही इसका डीवीआर बनाकर शासन को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. योगी सरकार की इस पहल के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के एनजीओ और वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है. यह राम की नगरी में पाए जाने वाले बंदरों की प्रजातियों पर रिसर्च कर रहे हैं.
दरअसल राम की नगरी को उसकी गरिमा के अनुरूप सजाने और संवारने का काम केंद्र व प्रदेश सरकार कर रही है. ऐसे में त्रेता की अयोध्या की परिकल्पना को साकार करने का काम योगी सरकार तेजी के साथ कर रही है. लेकिन बंदरों के आतंक के कारण योजनाा ही नहीं प्रभावित हो रही हैं बल्कि आने वाले श्रद्धालुओं को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. 

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बंदरों को मिलेगा प्राकृतिक माहौल
धार्मिक मान्यता है कि लंका विजय करने के बाद जब भगवान श्री राम अयोध्या लौटे तो उनके साथ बड़ी संख्या में बंदरों की सेना भी अयोध्या आई थी. बंदरों के साथ अयोध्या ही नहीं पूरा समाज आध्यात्मिक लगाव रखता है. लोग बजरंगबली के तौर पर इनकी पूजा अर्चना करते हैं. ऐसे में इन उत्पाती बंदरों से नगर को सुरक्षित करते हुए इन बंदरों को संरक्षित करने का काम योगी सरकार करने जा रही है. उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में एनिमल जोन निर्माण कर शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों के अलावा बंदरों के अभ्यारण की भी जगह तय की जाएगी. इससे बंदरों को सुरक्षित प्राकृतिक माहौल मिलेगा.

एक्सपर्ट की राय ली जा रही है
विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि अयोध्या में गोवंश के लिए पहले से ही कान्हा गौशाला चल रही है. जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न स्थलों पर गौशाला बनाई गई है. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि हम लोगों से अपील करेंगे कि अपने गाय को सड़क पर न छोड़े. कुत्तों के लिए पहले से प्रोजेक्ट बनाया गया है. एनिमल प्रोजेक्ट लगभग 85 फीसदी बनकर तैयार हो गया है. कुत्तों के लिए हॉस्पिटल निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है. अगले दो-तीन महीने में यह कार्य पूर्ण हो जाएगा. विशाल सिंह ने कहा कि बंदरों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन विभिन्न एनजीओ के विशेषज्ञों के द्वारा किया जा रहा है. 

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