यूक्रेन-रूस वॉर की वजह से विश्व स्तर पर तेल की कीमतों में तेजी आ रही है. ऐसे में अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि आरबीआई जून की द्विमासिक मौद्रिक समिति की बैठक में नीतिगत दरों में 25 आधार अंक या .25 प्रतिशत का इजाफा कर सकता है.
Trending Photos
नई दिल्लीः देश में खुदरा महंगाई 17 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. यह लगातार तीसरा माह है जब मंहगाई भारतीय रिजर्व बैंक के स्तर से ऊपर है. अर्थशास्त्रियों के अनुमान के मुताबिक, आरबीआई द्वारा आगामी बैठक में नीतिगत दरों में इजाफा किया जा सकता है. यानी आपके होम, कार समेत दूसरे लोन की ईएमआई बढ़ सकती है.
इसकी वजह है केंद्रीय बैंक के पास विकास बाधित किए बगैर कीमतों को कंट्रोल करने के सीमित विकल्प हैं. साथ ही एक राहत भरी खबर है कि जमा पर भी ज्यादा ब्याज मिलेगा. कई बैंकों ने एफडी की ब्याज दरों में इजाफा किया है.
खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी पर पहुंची
खाद्य वस्तुओं में महंगाई और तेल की कीमतों में उछाल आने की वजह से पिछले महीने यानी मार्च में महंगाई दर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा था कि महंगाई अस्थाई है. यूक्रेन-रूस वॉर की वजह से विश्व स्तर पर तेल की कीमतों में तेजी आ रही है. ऐसे में अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि आरबीआई जून की द्विमासिक मौद्रिक समिति की बैठक में नीतिगत दरों में 25 आधार अंक या .25 प्रतिशत का इजाफा कर सकता है.
नोएडाः 14 साल की बच्ची की चतुराई से ढाई साल का बच्चा गायब होने से बचा, पुलिस करेगी सम्मानित
ईएमआई बढ़ेगी
अगर आरबीआई अपनी आगामी बैठक में रेपो रेट में इजाफा करने का फैसला करता है, तो इसका सीधा असर फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वालों पर होगा. ऐसे में लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी. वहीं, स्थाई दरों पर लोन लेने वाले लोगों पर इसका कोई असर नहीं पडे़गा.
आरबीआई गवर्नर ने दी यह जानकारी
8 अप्रैल 2022 को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों के बारे में जानकारी साझा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अब समय आ गया है, जब केंद्रीय बैंक अपनी प्राथमिकता में वृद्धि के बजाय मुद्रास्फीति प्रबंधन की तरफ केंद्रित करनी होगी. उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति की प्राथमिकताओं में वृद्धि पर मुद्रास्फीति प्रबंधन को तरजीह देने का यह सही समय है. इसमें 3 साल बाद परिवर्तन हो रहा है. आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को भी बढ़ाया है, जो इसका संकेत देता है.
अंबेडकर जयंती पर बोले संजय निषाद- 24 घंटे जरूरतमंद लोगों के लिए मेरा मोबाइल है ऑन
नीतिगत दरों में 11 बार से नहीं हुए बदलाव
आरबीआई ने नीतिगत दरों में 11 बार से कोई परिवर्तन नहीं किया है. रेपो रेट में अंतिम बदलाव 22 मई 2022 को हुआ था. आरबीआई ने 8 अप्रैल को हुई बैठक में भी कोई परिवर्तन नहीं किया. वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिपर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत है.
रेपो-रिवर्स रेपो रेट
यह वह दर है, जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन होता है. जबकि, रिवर्स रेपो रेट के अंतर्गत बैंकों को अपना पैसा आरबीआई को देने पर उन्हें ब्याज मिलता है.
WATCH LIVE TV