Pitru Paksha 2022:संगम तट पर पितृ पक्ष का है यह खास महत्व, इसलिए कहा जाता है पितृ मुक्ति का पहला द्वार
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1343322

Pitru Paksha 2022:संगम तट पर पितृ पक्ष का है यह खास महत्व, इसलिए कहा जाता है पितृ मुक्ति का पहला द्वार

Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष 2022 का प्रारंभ शनिवार के दिन पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर से होगा. इसका समापन अमावस्या तिथि पर 25 सितंबर को होगा. 

Pitru Paksha 2022:संगम तट पर पितृ पक्ष का है यह खास महत्व, इसलिए कहा जाता है पितृ मुक्ति का पहला द्वार

Pitru Paksha 2022: संगम की रेती सर्वस्व प्रदान करती है. जीवित को शांति और नश्वर शरीर को मोक्ष भी देती है. जीवन की मुक्ति तो गंगा के दर्शन मात्र से संभव है. लेकिन, पितरों के तृप्ति के निमित्त तर्पण और पिंडदान का विधान है. इसलिए शास्त्रों में तीर्थराज प्रयागराज को पितृ मुक्ति का पहला, काशी को दूसरा और गया को तीसरा द्वार माना गया है.

पितरों के पिंडदान और तर्पण के लिए पितृपक्ष में संगम तट पर श्राद्ध के लिए देश-विदेश से लोग जुटेंगे. 10 सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष पर प्रयागराज के संगम तट पर भीड़ उमड़ेगी. इसी दिन पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध किया जाएगा. इस बार किसी तिथि का क्षय नहीं है. कहा जा रहा है कि इस बार पिंडदान करने के लिए आने वाले लोगों में अधिकांश संख्या उनकी रहेगी, जिनके परिजनों की मृत्यु कोरोना काल में हुई थी. क्योंकि पिछले साल अप्रैल, मई और जून में बड़ी संख्या में लोगों की कोरोना से मौत हुई थी.

संगम के जल में विष्णु का है वास 
संगम तट पर रहने वाले तीर्थ पुरोहितों ने इसके मद्देनजर तैयारी शुरू कर दी है. तीर्थपुरोहितों के मुताबिक संगम के जल में मुक्त के देवता स्वयं विष्णु वेणीमाधव के रूप में वास करते हैं. इसके चलते यह पितरों की मुक्ति का प्रथम द्वार है. संगम तट पर पिंडदान करने पर भगवान विष्णु के साथ ही 33 करोड़ देवी देवता प्रसन्न होते हैं. तीर्थों का राजा है प्रयाग, ऐसे में यहां पर पिंडदान का विशेष महत्व है.

UP News: शिक्षक की अश्लील हरकतों से परेशान छात्राओं ने स्कूल जाना किया बंद,आपबीती सुनने के बाद परिजन रह गए दंग

प्रयागराज के संगम तट पर पिंडदान के लिए इस बार देश भर से लोग जुटेंगे. ऐसे में संगम के तीर्थपुरोहितों ने भी सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं. हालांकि इस बार बाढ़ के चलते घाटों पर मिट्टी अधिक होने के चलते अभी तैयारियो में कुछ दिक्कतें जरूर हैं, लेकिन माना जा रहा है शुक्रवार की शाम तक प्रशासन के सहयोग से ठीक कर लिया जाएगा.

पितृपक्ष कब से शुरू हो रहा है
पितृपक्ष 2022 का प्रारंभ शनिवार के दिन पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर से होगा. इसका समापन अमावस्या तिथि पर 25 सितंबर को होगा. ज्योतिषाचार्य अनुसार पितृपक्ष 15 दिनों के बजाय इस बार 16 दिन का रहेगा.अष्टमी तिथि 17 सितंबर की बजाय 18 सितंबर को मनाई जाएगी. पितृपक्ष में पितरों का पूजन करने से हमें उनकी कृपा प्राप्त होती है एवं हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है.

Haryanvi Dance Video: सपना चौधरी के गाने पर हरियाणी भाभी ने ब्लैक सूट में मचाई तहलका, डांस स्टेप की हो रही चर्चा

Trending news