केंद्र की मोदी सरकार ने अयोध्या में राममंदिर के साथ ही देश के अन्य मंदिरों को भी भव्य बनाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है. जिसके तहत मंदिरों के आस-पास अतिक्रमण हटा करके मंदिर परिसर को भव्य बनाया जा रहा है.
रुद्रप्रयाग में केदारनाथ मंदिर 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ में तबाह हो गया था. केदारनाथ धाम क्षेत्र के पुनर्निर्माण और पुनर्विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम चल रहा है. 2017 में पीएम मोदी ने केदारनाथ मंदिर में प्रमुख पुनर्निर्माण परियोजनाओं की आधारशिला रखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन में केदारनाथ मंदिर का खास स्थान है. राजनीति में आने से पहले वे बार-बार केदारनाथ धाम का दर्शन किया करते थे. बाद में भी इस सिलसिले को जारी रखा.इन कार्यों में इशानेश्वर मंदिर, ओंकार की प्रतिमा, आदि गुरु शंकराचार्ज की समाधि, शिव उद्यान और वासुकी ताल का निर्माण शामिल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन में चारधाम प्रोजेक्ट बहुत अहम मायने रखता है. प्रधानमंत्री ने श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के मौके पर भी इसका जिक्र किया. चारधाम प्रोजेक्ट केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को जोड़ने के लिए शुरू किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत ऑल वेदर रोड का निर्माण किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को मौसम के चलते मंदिरों के दर्शन में कोई बाधा न आए.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है. वर्तमान में राम मंदिर बनाने का काम तेजी से चल रहा है. राम मंदिर के भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं शामिल हुए थे. अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया.
पीएम मोदी ने पिछले दिसंबर में परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया था. काशी विश्वनाथ मंदिर को गंगा नदी के तट से जोड़ने का विचार 8 मार्च, 2019 को संकल्पित किया गया था.इसकी लागत 700 करोड़ रुपये रखी गई थी. दिसंबर 2021 में 339 करोड़ रुपये के रेनोवेशन कार्य का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस प्रोजेक्ट में काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा घाट तक 5 लाख वर्गफीट में भव्य कॉरिडोर बनाया गया है.इस परियोजना के तहत इमारतें पर्यटक सेवा, वैदिक केंद्र, संग्रहालय, गैलरी और फूड कोर्ट है.
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन में स्थित है. यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर परिसर के विस्तार के मामले में महाकाल परियोजना काफी हद तक काशी विश्वनाथ धाम के समान है.गलियारे के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं. यह गलियारा मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाता है और मार्ग में मनोरम दृश्य पेश करता है. साल 2017 में महाकाल लोक की कल्पना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के साथ की गई थी. श्री महाकाल लोक उसी का हिस्सा है.
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद कई मंदिरों के पुनर्निमाण का काम तेज हो गया है. सरकार ने जम्मू कश्मीर में कई मंदिरों के पुनर्निमाण का प्रोजेक्ट शुरू किया है जिसका काम लगातार जारी है. सरकार की लिस्ट में श्रीनगर का रघुनाथ मंदिर, अनंतनाग का मार्तंड मंदिर, पाटन का शंकरगौरीश्वर मंदिर, श्रीनगर के पांद्रेथन मंदिर और अवंतिपोरा के अवंतिस्वामी और अवंतिस्वरा मंदिर शामिल हैं