Muzaffarnagar: पीठ पर गुदवाए शहीदों के नाम, शरीर पर पंच किए 51 तिरंगे, अनोखा देशभक्त कांवड़िया बना चर्चा का विषय
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Muzaffarnagar: पीठ पर गुदवाए शहीदों के नाम, शरीर पर पंच किए 51 तिरंगे, अनोखा देशभक्त कांवड़िया बना चर्चा का विषय

Muzaffarnagar News: शिवभक्ति का अनोखा नजारा मुजफ्फरनगर में देखने को मिला, हरिद्वार से जल लेकर पूरा महादेव जा रहे युवक को देख हर कोई हैरान रह गया. उसने शरीर पर तिरंगे पंच किए हुए थे. शहीद जवानों के नाम भी पीठ पर गुदवा रखे हैं. 

Muzaffarnagar: पीठ पर गुदवाए शहीदों के नाम, शरीर पर पंच किए 51 तिरंगे, अनोखा देशभक्त कांवड़िया बना चर्चा का विषय

अंकित मित्तल/मुजफ्फरनगर: कांवड़ मेले के दौरान शिव भक्ति के अनेकों नजारे देखने को मिल रहे हैं. वहीं देशभक्ति के साथ शिव भक्ति का अनोखा नजारा मुजफ्फरनगर में मंगलवार को उस समय देखने को मिला, जब हरिद्वार से जल लेकर पूरा महादेव जा रहे शामली के विजय हिंदुस्तानी को देखकर हर कोई आश्चर्यचकित रह गया.  इस कांवड़िया ने अपने शरीर पर 51 तिरंगे पंच किए हुए थे. वहीं 269 शहीद जवानों के नाम भी पीठ पर गुदवा रखे हैं. 

विजय हिंदुस्तानी भोला जब नगर के शिव चौक पर पहुंचा तो आम जनता में चर्चा का विषय बन गया. कोई उसके साथ सेल्फी लेता नजर आया तो कोई वीडियो बनाता दिखाई पड़ा. इस कांवड़िये की माने तो 4 दिन पहले 6 जुलाई को उसने हरिद्वार हर की पौड़ी से गंगाजल उठाया था. जिसके बाद वह लगातार पैदल चलकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा है. वह अपने साथ एक वॉकर लेकर चल रहा है, जिसमें आगे जहां शहीद भगत सिंह की तस्वीर लगी है. वाकर में विजय ने अपना जल और सामान रखा हुआ है क्योंकि शरीर पर तो उसने देश के तिरंगे पंच किए हुए हैं.

विजय हिंदुस्तानी भोले ने बताया, ''मैं हरिद्वार से जल उठा कर आ रहा हैं और पुरा महादेव में जल चढ़ाना है. शहीद परिवारों के लिए कांवड़ लेकर आए हैं और जो भी हमारा देश का जवान है. वह चाहें भारतीय सेना या अलग-अलग फोर्स में है तो हम भोले बाबा से एक मनोकामना मांग कर आए हैं कि हमारे देश का कोई भी जवान शहीद ना हो.'' 

विजय ने आगे बताया, मैंने 51 तिरंगों की कांवड़ बोली थी कि मैं 51 तरंगों की कांवड़ लेकर आऊंगा और मैंने यह पंच किए हुए हैं. इनका दर्द बहुत कम है क्योंकि जब कोई जवान देश के लिए शहीद होता है तो उनकी मां-बहन और छोटे-छोटे बच्चे होते हैं, उनका दर्द बहुत ज्यादा है क्योंकि वह हर दिन रोते हैं. जो भी जवान देश के अंदर शहीद होता है उनके नाम को वह गुदवाते हैं. उनके परिवार को सांत्वना देते हैं और उनके लिए लड़ाई लड़ते हैं क्योंकि वह हमारे देश के हीरो हैं व देश के जवान हैं और पूरे देश को गर्व है सेना के जवानों पर साथ ही हमारे लिए गर्व का विषय है.

उन्होंने बताया कि मैं अकेला हूं और अकेला ही जल उठा कर चला था, मैं पहली बार कांवड़ लाया हूं, यह जुनून बचपन से ही है एवं यह जुनून हर भारतीय के अंदर है बस कोई जुनून को दबा लेता है तो कोई जुनून को बाहर निकाल लेता है, मैं एलएलबी का स्टूडेंट हूं.

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