अब तक नोएडा, लखनऊ और कानपुर में लोग तो लंबे समय से मेट्रो में सफर का मजा ले रहे हैं लेकिन अब जल्द ही बरेली के लोगों का भी मेट्रो में घूमने का सपना पूरा होता दिख रहा है.
अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2027 से मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का काम शुरू हो सकता है. जबकि इसको पूरा होने में तीन साल का समय लग सकता है. यानी साल 2030 तक यहां के लोग मेट्रो से सफर कर पाएंगे.
बता दें कि बरेली शहर में मेट्रो के दो कॉरिडोर प्रस्तावित हैं. जिनमें एक शहर में बरेली जंक्शन से नार्ट सिटी एक्सटेंशन तक है और दूसरा चौकी चौराहा से फन सिटी तक बनाए जाने की योजना है.
रूट नंबर-1 ब्लू लाइन पर कुल 11 स्टेशन होंगे. जिसकी कुल लंबाई लंबाई 12.5 किमी होगी. बरेली जंक्शन, चौकी चौराहा, गांधी उद्यान, सेटेलाइट बस अड्डा, बीसलपुर चौराहा. तुलसीनगर, रुहेलखंड विश्वविद्यालय, सौ फुटा क्राॅसिंग, फीनिक्स मॉल, सन सिटी, फन सिटी स्टेशन शामिल है.
रूट नंबर दो (रेड लाइन) की लंबाई 9.5 किलोमीटर होगी. जिस पर कुल 9 स्टेशन चौकी चौराहा, अयूब खां चौराहा, कुतुबखाना मार्केट, कोहाड़ापीर रोड क्रॉसिंग, डीडीपुरम चौराहा, सब्जी मंडी, आईवीआरआई यूनिवर्सिटी, नार्थ सिटी एक्सटेंशन, फन सिटी होंगे.
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को लेकर तेजी से काम चल रहा है. पहले इसी महीने यानी जनवरी में इसके आने की उम्मीद थी. लेकिन बताया जा रहा है कि सर्वे में कुछ काम रह गए हैं. जिनको पूरा किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि बरेली में दो रूट पर मेट्रो चलाने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) 15 मार्च तक आ सकती है. डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
डिटेल्ड प्रोजक्ट रिपोर्ट आने के बाद मंडलायुक्त की अगुवाई में बैठक होगी, जिसमें डीपीआर पर मंथन किया जाएगा. अगर इसमें सुझाव के बाद कोई बदलाव करना है तो उसको पूरा किया जाएगा. इसके बदा इसके शासन को भेजा जाएगा. हरी झंडी मिलने बाद इसे दिल्ली भेजा जाएगा.
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2031 तक हर घंटे 19 हजार 100 लोग सफर करेंगे. 2041 तक यह आंकड़ा बढ़कर 23 हजार हो जाएगा. जबकि 2056 तक मेट्रो से सफर करने वालों की प्रति घंटे संख्या 32400 हो जाएगी.
बरेली में मेट्रो चलाने की कवायद लंबे अरसे से चल रही है. मेट्रो के चलने से दफ्तर जाने वालों के अलावा छात्रों को भी फायदा मिलेगा. यही नहीं स्टेशन के आसपास के इलाके में जमीनों के दाम भी बढ़ेंगे.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.