मथुरा में एक महिला सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हुए इस कदर मजबूर हो गई कि पेड़ पर चढ़कर उसे अपनी फरियाद प्रशासन से करनी पड़ी. काफी देर तक चले हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद आखिरकार किसी तरह महिला को सकुशल पेड़ से उतारा गया.
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कन्हैयालाल शर्मा/मथुरा: अपनी समस्या के समाधान के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर महिला को आखिरकार विरोध का ऐसा तरीका अख्तियार करना पड़ा, जिसे देखकर सब दंग रह गए. अपनी फरियाद न सुने जाने से नाराज महिला पेड़ पर चढ़ गई. मथुरा थाना गोवर्धन क्षेत्र के गांव कौन्हीं की रहने वाली 60 वर्षीय लीला कई दिनों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रही थी. उसका 116 कुरा बंटवारा का मामला सदर तहसील के एसडीएम न्यायालय में चल रहा था. महिला का कहना है कि काफी समय से उसकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. यही वजह है कि उसने शनिवार को सदर तहसील परिसर में पेड़ पर चढ़कर आत्मदाह करने की कोशिश की. स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला ने प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसा किया है.
काफी देर तक चला हाईवोल्टेज ड्रामा
महिला की यह हरकत देखते-देखते हाईवोल्टेज ड्रामा में तब्दील हो गई. लोगों की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई. लोग काफी देर तक महिला से पेड़ से उतरने की गुजारिश करते रहे. लेकिन महिला किसी की सुनने को तैयार नहीं थी.
किसी तरह सुरक्षित उतारा
कई लोगों ने उसे जल्द ही समस्या के समाधान का भरोसा भी दिलाया. हालांकि बाद में वहां पर मौजूद कुछ लोगों ने किसी तरह महिला को पेड़ से सुरक्षित उतारा. महिला ने एसडीएम पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है.
विरोध का यह तरीका जायज नहीं
सवाल है कि आखिर महिला को आत्महत्या जैसी कोशिश के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा. यदि महिला द्वारा अधिकारियों पर कर्तव्यों में लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है तो इस पर कार्रवाई होनी चाहिए. दरअसल केंद्र और प्रदेश सरकार लोगों के कल्याण के लिए योजनाएं तो कई संचालित करती है लेकिन उसके क्रियान्वयन में अधिकारियों द्वारा बरती जाने वाली लापरवाही एक अहम मुद्दा है. लेकिन महिला ने विरोध जताने का जो तरीका चुना उसे भी जायज नहीं ठहराया जा सकता.